उत्तर प्रदेश सरकार का 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों में शामिल करना विशुद्ध राजनीतिक खेल है। इन 17 जातियों में कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिन्द, भर, राजभर, धीमर, वाथम, तुरहा, गोड़िया, मांझी और मछुआ शामिल हैं। निश्चित रूप से यह राजनीतिक मामला है। इसकी शुरुआत अखिलेश यादव की समाजवादी सरकार ने की थी, जिस पर कोर्ट ने अमल करने पर रोक लगा दी थी। उसके बाद मायावती ने भी अपनी सरकार में इन पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों में शामिल किए जाने की सिफ़ारिश केंद्र सरकार से की थी।