बचपन से किताबों में पढ़ता आया था कि मैसूर का शासक टीपू सुल्तान एक नायक था जिसने अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ी। कुछ इतिहासकार उसे भारतीय इतिहास का पहला स्वतंत्रता सेनानी भी कहते हैं। लेकिन बीजेपी और आरएसएस बता रहे हैं कि वह खलनायक था। इनके मुताबिक़, टीपू सुल्तान ने न केवल हिंदुओं का क़त्लेआम किया बल्कि हिंदुओं और ईसाईयों का ज़बरन धर्मांतरण भी कराया।

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से पहले टीपू सुल्तान का विवाद फिर से छेड़ने की कोशिश है। कर्नाटक बीजेपी प्रमुख नलिन कतील ने आख़िर क्यों कहा कि टीपू के समर्थकों को मार देना चाहिए? आख़िर टीपू सुल्तान की विचारधारा क्या थी और कृत्य कैसा था? पढ़िए, आशुतोष की साढ़े तीन साल पहले 2019 में लिखी टिप्पणी।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।