भारत की संसद रोज नया इतिहास लिखती है। इतिहास लेखन की गति बीते एक दशक में और तेज हो गयी है। जिस भारतीय संसद ने इतिहास पुरुष माननीय नरेंद्र मोदी की अगुवाई में दो रोज पहले नारी शक्ति वंदन का इतिहास लिखा उसी संसद में सरकारी पार्टी के एक सांसद ने संसदीय शब्दकोश में तमाम ऐसे सु-संस्कृत शब्द और जोड़ दिए जो बीते 75 साल में नहीं गढ़े गए थे। इस नए इतिहास लेखन के लिए सरकारी पार्टी और सरकारी पार्टी को भारत रत्न के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से अलंकृत किया जाना चाहिए।
रमेश बिधूड़ी का एहसानमंद होना चाहिए जिन्होंने बीजेपी का असली चेहरा दिखा दिया!
- विचार
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- 29 Mar, 2025

बीजेपी के नेता रमेश बिधूड़ी ने संसद भवन में बसपा सांसद दानिश अली के लिए जिन शब्दों का इस्तेमाल किया, क्या उसके लिए कार्रवाई होगी?
देश में नारी शक्ति वंदना की हुंकार भरने वाली भाजपा का असली चेहरा उन्हीं की पार्टी के वरिष्ठ सांसद रमेश बिधूड़ी ने उजागर कर दिया। रमेश बिधूड़ी ने लोकसभा में चंद्रयान-3 की चर्चा के दौरान बसपा सांसद कुंवर दानिश अली के खिलाफ जिन संस्कृतनिष्ठ शब्दों का प्रयोग किया था उनका इस्तेमाल आजतक कभी नहीं किया गया। निश्चित तौर पर बिधूड़ी को ये शब्दावली और संस्कार भाजपा की मातृ-पितृ संस्था की किसी न किसी शाखा में ही मिले होंगे। साठ पार कर चुके बिधूड़ी कोई नए खिलाड़ी नहीं हैं जो गलती से फाउल कर जाएँ। वे भाजपा के तपोनिष्ठ, देवतुल्य कार्यकर्ता और नेता हैं। रमेश बिधूड़ी भारतीय संसद और भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं। अपने कॉलेज के दिनों से, वह राजनीति में सक्रिय रहे हैं। उन्होंने भाजपा को अपनी राजनीतिक पार्टी के रूप में चुना। वह दिल्ली राज्य में भाजपा के महासचिव थे। 2003-08 में वह बीजेपी दिल्ली के उपाध्यक्ष थे। बीजेपी ने उन्हें 2014 लोकसभा चुनाव में एमपी उम्मीदवार के लिए चुना था। बिधूड़ी ने इसी शब्दावली के आधार पर विधायक के रूप में लगातार तीन बार जीत हासिल की है।