बार-बार विपक्षी एकता का मर्सिया पढ़ने वाले राजनीतिक विश्लेषकों और मुख्यधारा के मीडिया को 12 अप्रैल का धक्का काफ़ी दिनों तक बेचैन करता रहेगा। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने जेडीयू और आरजेडी के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर मुलाक़ात की। इस बैठक में राहुल गाँधी भी मौजूद थे। इस ‘सकारात्मक’ बातचीत के बाद राहुल गाँधी ने कहा कि देश पर हो रहे आक्रमण का मुक़ाबला विचारधारा के आधार पर होगा। वहीं, नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्षी गठबंधन में ज़्यादा से ज़्यादा पार्टियों को साथ लेने की कोशिश होगी।
विपक्षी एकजुटता की आहट से ही बीजेपी में घबराहट
- विचार
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- 13 Apr, 2023

2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे व राहुल से मिलने के क्या मायने हैं? जानिए, विपक्षी एकता की इस कोशिश से बीजेपी में क्या प्रतिक्रिया है।
वैसे तो विपक्षी गठबंधन की किसी भी गंभीर कोशिश का बीजेपी की ओर से मज़ाक़ उड़ाया जाता है लेकिन उसे अच्छी तरह पता है कि 2024 में अगर कोई वास्तविक ख़तरा हो सकता है तो वह एकजुट विपक्ष ही है। यही वजह है कि बीजेपी की ओर से नीतीश कुमार पर यह कहते हुए हमला हुआ है कि सत्ता के लिए न जाने किस-किस के सामने झुकेंगे। यह बयान बीजेपी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी का है जबकि वहाँ उनकी पार्टी सत्ता के लिए नीतीश कुमार के सामने न जाने कितनी बार झुक चुकी है। यह बयान विपक्ष की एकता की आहट से पैदा हुई घबराहट है।