राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (2019-21) के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 95% से अधिक विवाहित महिलाएं,जो यौन हिंसा से गुजर चुकी हैं, उन्होंने अपने पति/पूर्व पति को अपराधी के रूप में पहचाना है। लगभग 18% विवाहित महिलाओं ने कहा कि वे अपने पति को शारीरिक संबंध बनाने के लिए 'न' नहीं कह सकतीं, भले ही ऐसा करने की उनकी इच्छा न हो। लगभग 20% पतियों ने यह बात स्वीकार की है कि उनकी पत्नियों द्वारा शारीरिक संबंध बनाने से मना करने पर वो उन पर गुस्सा दिखाते और फटकारते हैं। जबकि लगभग 13%पतियों ने कहा कि वो ऐसी स्थितियों में वित्तीय सहायता करने से इनकार कर देंगे। पुरुषों द्वारा किए जाने वाले इस व्यवहार की वजह यह है कि 92% विवाहित पुरुषों की तुलना में केवल 27% विवाहित महिलाओं के पास ही रोजगार है। शायद इसलिए ही इस तरह की धमकियां महिलाओं को यौन हिंसा सहने के लिए मजबूर करती हैं।
बिलकिस के अपराधियों की रिहाई: राष्ट्रीय शर्म का विषय
- विचार
- |
- |
- 29 Mar, 2025

बिलकिस बानो मामले के अपराधियों को जिस तरह बेशर्मी से छोड़ा गया, उस पर देश में बहस जारी है। पत्रकार और लेखिका वंदिता मिश्रा ने गुजरात की बिलकिस के बहाने उन असंख्य घरेलू बिलकिस पर जो बीत रही है, उसे भी इस मुद्दे के साथ रेखांकित किया है। पुरुष प्रधान समाज से लेकर तमाम संवैधानिक संस्थाओं को चलाने वाले पुरुषों की मानसिकता जब तक नहीं बदलेगी, जब तक इन संस्थाओं की मुखिया महिलाएं नहीं होंगी, तमाम बिलकिस इसी तरह खुद में कैद होती रहेंगी। पढ़िए यह विचारोत्तेजक लेखः