आधुनिक भारत के निर्माता बाबा साहब भीमराव आम्बेडकर (14 अप्रैल 1891 से 6 दिसंबर 1956) ने भारत की एकता और अखंडता का सपना देखा। उनका मानना था कि जातिवाद और जातीय घृणा की वजह से देश का पतन हो रहा है और जब तक जातीय घृणा नहीं ख़त्म की जाती है, तब तक भारत का विकास संभव नहीं है। आम्बेडकर का मानना है कि जाति उन्मूलन से ही हिंदू एकता बनी रह सकती है। जाति के ख़ात्मे से ही सांप्रदायिकता ख़त्म होगी, क्योंकि जातिवाद और सांप्रदायिकता एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।