अखिल भारतीय कांग्रेस समिति ने 7 अगस्त 1942 को बम्बई (मुंबई) में अपनी बैठक में एक क्रांतिकारी प्रस्ताव पारित किया, जिसमें अंग्रेज शासकों से तुरंत भारत छोड़ने की माँग की गयी थी। कांग्रेस का यह मानना था कि अंग्रेज सरकार को भारत की जनता को विश्वास में लिए बिना किसी भी जंग में भारत को झोंकने का नैतिक और क़ानूनी अधिकार नहीं है।