लाल टीका लगाये और लाल स्वेटर पहने आम आदमी पार्टी (आप) के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के रामलीला मैदान में जब तीसरी बार शपथ ग्रहण के भाषण की शुरुआत की तो तमाम लोगों को इससे बड़ी उम्मीदें थीं। दिल्ली में 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और 'आप' के बीच हुई जंग में केजरीवाल विजेता बनकर उभरे हैं। ऐसे में उनके भाषण से उम्मीदें होना स्वाभाविक थीं। लेकिन उनका भाषण कम से कम उन लोगों को निराश करने वाला है, जो उन्हें नरेंद्र मोदी और बीजेपी की सांप्रदायिक, विभाजनकारी राजनीति के बरक्स विकल्प के रूप में देखते हैं और ऐसा मान लेने की कई वजहें हैं।