सोशल मीडिया पर आजकल एक मैसेज बहुत चल रहा है साल 2019 के जाने और नए साल 2020 के आने का। मैसेज में लिखा है कि दोनों साल में सिर्फ़ 19-20 का फ़र्क है, ज़्यादा नहीं। आंकड़े के हिसाब से तो यह मैसेज ठीक है, लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि अगला साल 2019 से बेहतर हो। खासतौर से देश के सामाजिक और आर्थिक हालात को लेकर। अर्थशास्त्रियों की बात को सच मानें तो सरकार को कुछ ठोस और कड़े क़दम उठाने की ज़रूरत होगी ताकि माली हालत ठीक हो सके।