छत्तीसगढ़ पुलिस ने बुधवार को कहा कि ज़ी न्यूज़ के एंकर रोहित रंजन फरार हैं। उनके घर पर ताला लगा हुआ है। उनकी गिरफ्तारी की बुधवार को दूसरी बार कोशिश की गई। मंगलवार को भी छत्तीसगढ़ पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने गई थी, लेकिन यूपी पुलिस ने उसके काम में बाधा डाली। फिर रोहित को नाटकीय ढंग से नोएडा पुलिस ने हिरासत में ले लिया। नोएडा पुलिस ने रोहित रंजन से कथित तौर पर 12 घंटे पूछताछ की और आधी रात को उन्हें छोड़ दिया।
डीएसपी (रायपुर) उदयन बिहार ने कहा कि उन्हें मंगलवार देर रात सूचित किया गया कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने रंजन को पूछताछ के लिए उठाया और जमानत पर रिहा होने से पहले उसे गिरफ्तार कर लिया। हमारी पुलिस यह मानते हुए कि रंजन रिहा होने के बाद घर वापस आ आएंगे, हम बुधवार को सुबह 8 बजे उनके आवास पर पहुंचे। वह वहां नहीं थे और उनके घर पर ताला लगा हुआ था। उन्होंने कहा कि वे अपनी जांच के तहत नोएडा में ज़ी न्यूज के कार्यालय का दौरा करेंगे।
छत्तीसगढ़ पुलिस ने एक ट्वीट में कहा कि आरोपी फरार पाया गया है और वे उसका पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
नोएडा पुलिस ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक फर्जी वीडियो के प्रसारण के सिलसिले में रंजन को गिरफ्तार किया। वो फर्जी वीडियो ज़ी न्यूज के दफ्तर में ही तैयार किया गया था। छत्तीसगढ़ पुलिस ने उन पर इसी तरह के एक मामले में पत्रकार को गिरफ्तार करने के प्रयासों में बाधा डालने का आरोप लगाया।
रंजन के खिलाफ छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मामले दर्ज किए गए थे। उन पर आरोप है कि उदयपुर में हिंदू दर्जी की हत्या से राहुल गांधी के केरल कार्यालय में तोड़फोड़ पर दिए गए बयान से जोड़कर फर्जी वीडियो बनाया। इसमें राहुल गांधी की टिप्पणी को बहुत ही खतरनाक और गलत ढंग से प्रस्तुत किया गया था। इस वीडियो के जरिए राहुल की छवि को तार-तार करने की कोशिश की गई।
ज़ी न्यूज का यह फर्जी वीडियो जब जनता ने पकड़ा तो रोहित रंजन ने अपने टीवी चैनल पर फौरन माफी मांग ली। लेकिन उससे पहले राहुल की छवि खराब हो चुकी थी। ऑल्ट न्यूज ने भी साबित किया कि ज़ी न्यूज ने फर्जी वीडियो बनाकर राहुल को बदनाम किया। इससे पहले इसी चैनल पर जेएनयू में छात्र आंदोलन को बदनाम करने का आरोप लग चुका है। उस समय भी इस चैनल ने फर्जी वीडियो तैयार किया था, जिसमें बाहर से देश विरोधी नारे डाले गए थे। उस समय इस मामले में तत्कालीन छात्र नेता कन्हैया कुमार और उमर खालिद को टारगेट किया गया था।
कोर्ट में भी अजीबोगरीब रवैया
रोहित रंजन के मामले का बुधवार को जब सुप्रीम कोर्ट में उल्लेख किया गया तो जजों ने फौरन गुरुवार की तारीख दे दी। लेकिन वकीलों ने कोर्ट को बताया कि अभी तो रोहित रंजन की याचिका कोर्ट में लगाई ही नहीं गई। इस पर जजों ने संबंधित पक्ष को काफी फटकार लगाई।
सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा ने बुधवार को इंदिरा बनर्जी और जेके माहेश्वरी की वैकेशन बेंच के सामने इस मामले को तुरंत सुनवाई के लिए रखा है। लूथरा ने कहा है कि एंकर से उनके एक प्रोग्राम में गलती हुई है और उन्होंने बाद में इसके लिए माफी भी मांग ली लेकिन उनके खिलाफ इसे लेकर कई एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। लूथरा ने याचिका में कहा है कि छत्तीसगढ़ पुलिस रोहित रंजन को गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही है जबकि नोएडा पुलिस ने उन्हें मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया था और बाद में जमानत पर रिहा कर दिया था।
लूथरा की बात सुनने के बाद बेंच ने इस मामले में सुनवाई के लिए 7 जुलाई की तारीख तय की है। बेंच के द्वारा इस मामले की सुनवाई की तारीख तय किए जाने के बाद एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड ने कहा कि इस मामले में अभी तक याचिका दाखिल नहीं की गई है। इस पर बेंच की ओर से नाराजगी जाहिर की गई। एडवोकेट लूथरा ने इसके लिए अदालत से माफी मांगी।
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