अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय संभाल रहे मुख्तार अब्बास नक़वी ने बुधवार को मोदी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। नक़वी को इस बार बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं बनाया था। इससे पहले उन्हें रामपुर उपचुनाव में भी पार्टी ने नहीं उतारा था। इस्पात मंत्रालय संभाल रहे आरसीपी सिंह ने भी केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया।
मुख्तार अब्बास नक़वी के बारे में चर्चा है कि बीजेपी उन्हें उपराष्ट्रपति के चुनाव में एनडीए का उम्मीदवार बना सकती है। हालांकि इस पद के लिए पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के नाम की भी जोरदार चर्चा है।
यह भी चर्चा है कि मुख्तार अब्बास नक़वी को किसी राज्य में राज्यपाल या फिर केंद्र शासित प्रदेश में एलजी बनाकर भेजा जा सकता है।
देखना होगा कि मुख्तार अब्बास नक़वी को बीजेपी अब क्या जिम्मेदारी देती है। स्मृति ईरानी को अल्पसंख्यक मंत्रालय जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया को इस्पात मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
प्रयागराज टू रामपुर
हालांकि मुख्तार अब्बास नक़वी रहने वाले तो प्रयागराज के हैं लेकिन उन्होंने अपना राजनीतिक कर्मक्षेत्र रामपुर को बनाया। वह रामपुर में राजनीतिक रूप से लगातार सक्रिय रहे हैं। वह यहां से 1998 में लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं। लेकिन 1999 और 2009 में उन्हें यहां हार भी मिली थी। उसके बाद पार्टी ने नक़वी को लोकसभा चुनाव लड़ने का मौक़ा नहीं दिया।
नक़वी मोदी सरकार के मुखर मंत्रियों में शामिल थे और तमाम मसलों पर सरकार और बीजेपी का पक्ष जोरदार ढंग से रखते थे।
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आरसीपी सिंह का क्या होगा?
आरसीपी सिंह को इस बार जेडीयू ने राज्यसभा में नहीं भेजा था। आरसीपी सिंह कुछ दिन पहले तेलंगाना में हुई बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल हुए थे। यह कयास लग रहे हैं कि आरसीपी सिंह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।
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