महाराष्ट्र में ठाकरे परिवार और शिवसेना का अग्नि परीक्षा काल शुरु हो गया है। राज्य की सत्ता हाथ से निकलने के बाद पार्टी के समक्ष अपने गढ़ यानी ठाणे और मुंबई महानगपालिका को बचाने की चुनौती आ खड़ी हुई है। क्योंकि सितंबर महीने में प्रदेश की कई महानगरपालिकाओं में चुनाव होने वाले हैं।
महापालिका चुनाव: उद्धव ठाकरे के सामने पहली अग्निपरीक्षा!
- महाराष्ट्र
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- 22 Jul, 2022

एकनाथ शिंदे और उनके समर्थक विधायकों की बग़ावत के बाद उद्धव ठाकरे के लिए अपनी सियासत को जिंदा रख पाना बेहद मुश्किल हो गया है। क्या वह इस मुश्किल से उबर पाएंगे?
स्थानीय निकाय संस्थाओं में आरक्षण की भागीदारी तय करने के साथ साथ सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को यह आदेश भी दिया कि दो सप्ताह के अंदर ही चुनावों की घोषणा कर दी जाय।
प्रदेश में कोरोना और आरक्षण के इस मुद्दे को लेकर विगत दो सालों से अनेक महानगरपालिकाओं में कार्यकाल समाप्त होने के बावजूद चुनाव नहीं हो पाए हैं। अब मुद्दा यह है कि ये चुनाव ऐसे समय होने जा रहे हैं जब प्रदेश में भारी राजनीतिक हड़कंप मचा हुआ है। विधायकों की बगावत कराकर सत्ता परिवर्तन कराया गया। सबसे बड़ी चुनौती शिवसेना के समक्ष है। वह भी ऐसे समय में जब पार्टी के बड़ी संख्या में विधायक और सांसद उसका साथ छोड़कर एक नया गुट ही नहीं अपने आपको " असली शिवसेना " होने का दावा कर रहे हैं।