शिवसेना की ओर से शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में ताजा याचिका लगाई गई है। इसमें सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि बागी नेता एकनाथ शिंदे के समर्थक विधायकों को विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने से रोका जाए। बता दें कि महाराष्ट्र में 2 जुलाई को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है।
इसमें स्पीकर का चुनाव किया जाएगा और एकनाथ शिंदे सरकार को विधानसभा में बहुमत भी हासिल करना है।
शिवसेना ने अपनी याचिका में बागी विधायकों को बीजेपी का प्यादा बताया है। शिवसेना ने कहा है कि ये विधायक दलबदल का संवैधानिक पाप कर रहे हैं और उन्हें विधानसभा का सदस्य बने रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। याचिका पर सुनवाई 11 जुलाई को होगी।
पिछली विधानसभा के डिप्टी स्पीकर के द्वारा 16 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के नोटिस को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के द्वारा फ्लोर टेस्ट कराए जाने के आदेश को भी शिवसेना ने शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट कराए जाने का आदेश दिया था।
हालांकि फ्लोर टेस्ट होने से पहले ही उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद गुरुवार शाम को एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री और देवेंद्र फडणवीस ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
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