महाराष्ट्र के सोलापुर के एक गांव में बड़ी संख्या में लोगों ने बैलट पेपर से वोट करने की ठानी है। उन्होंने अभी महाराष्ट्र चुनाव में हुई ईवीएम से वोटिंग पर अविश्वास जताया है। अविश्वास ऐसा है कि ग्रामीणों ने प्रशासन से बैलट पेपर से वोट कराने को कहा, लेकिन जब प्रशासन ने इनकार कर दिया तो ग्रामीणों ने खुद के खर्चे से बैलट पेपर से वोटिंग की व्यवस्था की है। हालाँकि, प्रशासन इस वोटिंग को मान्यता नहीं देगा, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि वे यह साबित करना चाहते हैं कि उन्होंने जो वोट दिए उसको ईवीएम सहीं नहीं दिखा रही है।
मामला सोलापुर के मार्कडवाडी का है। ग्रामीणों ने तय किया है कि मतपत्र से वोटिंग 3 दिसंबर को सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक होगी। इसके तुरंत बाद वोटों की गिनती होगी और परिणाम आएगा। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल इस पर नज़रें टिकाए हैं। कांग्रेस के प्रवक्ता अतुल लोंढे पाटिल ने कहा है, 'मार्कडवाडी (सोलापुर) गांव के लोगों ने बैलट पेपर पर खुद के खर्चे से मतदान करवाने का फ़ैसला किया है। भाजपा के राम सातपुते को इस गांव में लीड मिला है, जो गांववालों को मंजूर नहीं। बैलट से मतदान होंगे। दूध का दूध पानी का पानी हो जाने दो।'
मार्कडवाडी (सोलापूर) गाव के लोगो ने बैलट पेपर पर खुद के खर्चे से मतदान करवाने का फैसला किया है,
— Atul Londhe Patil (INDIA Ka Parivar)🇮🇳 (@atullondhe) November 30, 2024
भाजपा के राम सातपुते जिन्हे इस गाव मे लिड मिला है जो गाववालो को मंजूर नही,बैलट से मतदान तैय्यार होंगे ।
दूध का दूध पाणी का पाणी हो जाने दो ।
मार्कडवाडी (सोलापूर) गावातील लोकांनी…
तो सवाल है कि कांग्रेस या फिर ग्रामीण आख़िर 'दूध का दूध और पानी का पानी' से क्या साबित करना चाहते हैं? दरअसल, राज्य में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद ईवीएम मशीन को लेकर लगाए जा रहे आरोपों के बीच सोलापुर जिले के मालशिरस तालुका के मार्कडवाडी गांव ने ईवीएम नतीजों पर अविश्वास जताया है। मालशिरस विधानसभा क्षेत्र में इस साल शरद पवार के उत्तम जानकर और बीजेपी उम्मीदवार राम सातपुते के बीच कड़ी टक्कर हुई। इसमें उत्तम जानकर ने जीत हासिल की। लेकिन मार्कडवाडी गांव में सातपुते को ज़्यादा वोट मिले। सातपुते को 1003 वोट मिले, जबकि जानकर को गांव से मात्र 843 वोट मिले। ग्रामीणों में इसी को लेकर नाराज़गी है।
एक रिपोर्ट के अनुसार जानकर समर्थकों की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस साल हुए विधानसभा चुनाव में सातपुते को जानकर से ज़्यादा वोट मिले, जो पहले कभी नहीं हुआ। इससे पहले 2009, 2014 और 2019 के विधानसभा चुनावों में जानकर ने गांव में ज़्यादा वोट हासिल किए थे और उनको गांव के 80 फीसदी से ज़्यादा वोट मिले थे। लोकसभा के दौरान भी गांव के 80 फीसदी वोट बीजेपी के खिलाफ थे।
मार्कडवाडी के ग्रामीणों ने मतपत्र पर ट्रायल वोटिंग की तैयारी पूरी कर ली है और मतपत्र छपवा लिए गए हैं। जिन लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है, उन्होंने टेस्ट के लिए वोट देने वाले व्यक्ति से दोबारा बैलट पेपर पर वोट देने की अपील की है।
बता दें कि महाराष्ट्र चुनाव में ईवीएम में लाखों वोट बढ़ जाने, चुनाव से पहले बड़े पैमाने पर वोटरों के नाम काटे जाने और फिर नये नाम जोड़े जाने के आरोप लगाए जा रहे हैं।
इससे पहले ख़बर आई थी कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में गिने गए वोटों और डाले गए वोटों के बीच काफी अंतर है। केंद्रीय चुनाव आयोग के अनुसार, अंतिम मतदान 66.05% था यानी कुल 64,088,195 वोट पड़े। हालाँकि, गिने गए कुल वोटों का जोड़ 64,592,508 है, जो कुल पड़े वोटों से 504,313 अधिक है। हालाँकि आठ विधानसभा क्षेत्रों में गिने गए वोटों की संख्या डाले गए वोटों से कम थी, शेष 280 निर्वाचन क्षेत्रों में, गिने गए वोट डाले गए वोटों से अधिक थे।
कुछ दिन पहले ही कांग्रेस ने कहा है कि 'लोकसभा चुनाव 2024 के बाद पांच महीनों में महाराष्ट्र में कुल मतदाताओं की संख्या में 47 लाख की वृद्धि हुई! जबकि, 2019 के लोकसभा चुनाव से लेकर 2024 के लोकसभा चुनाव तक पांच साल में महाराष्ट्र में केवल 37 लाख मतदाताओं की वृद्धि हुई थी।'
अपनी राय बतायें