राष्ट्रवादी कांग्रेस
पार्टी (एनसीपी) के घटनाक्रम में आज शुक्रवार शाम तक बस इतना हुआ है कि एनसीपी की
कमेटी ने शरद पवार के इस्तीफे को नामंजूर कर दिया है। लेकिन उसके बाद शरद पवार ने सोचने के लिए फिर वक्त मांगा
है। इस्तीफा नामंजूर किए जाने की जानकारी एनसीपी के सीनियर नेता प्रफुल्ल पटेल ने
प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।
प्रफुल्ल पटेल ने बताया
कि शरद पवार ने एनसीपी की एक कमेटी गठित कर नया अध्यक्ष चुनने की जिम्मेदारी हमें
दी थी। इस कमेटी में पहला नाम मेरा था। इस्तीफे के बाद से ही पवार साहेब से फैसला
वापस लेने की अपील की जा रही है। हमने उनसे आग्रह किया कि केवल पार्टी ही
नहीं, राज्य और देश की राजनीति
को भी उनकी जरूरत है। पवार साहेब द्वारा गठित कमेटी ने उनका इस्तीफा नामंजूर कर
दिया है। यह फैसला कमेटी के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से लिया है।
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प्रफुल्ल पटेल ने बताया
कि कमेटी के फैसले से शरद पवार को अवगत करा दिया गया है। उन्होंने इस पर सोचने के
लिए कुछ समय मांगा है। पटेल ने कहा कि पवार का पार्टी अध्यक्ष के तौर पर जो
कार्यकाल है, तब तक वह इस पद पर बने
रहेंगे। इसके बाद पार्टी तय करेगी कि क्या होना चाहिए। कमेटी के इस फैसले
के बाद एनसीपी कार्यकर्ताओं में जश्न शुरू हो गया है।
शरद पवार के एनसीपी
अध्यक्ष पद से इस्तीफ़े के बाद पार्टी में उथल-पुथल मची हुई है। एक तरफ नए
अध्यक्ष का नाम तय करने की बात चल रही है, दूसरी ओर महाराष्ट्र के कई शहरों में शरद पवार के समर्थन में NCP कार्यकर्ता सड़क पर हैं, जो लगातार मांग कर रहे हैं कि उन्हें इस्तीफा वापस लेना
चाहिए। उनके समर्थन में कई जगह पोस्टर और होर्डिंग लगाए गए हैं।
बीते दिनों शरद पवार ने
एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। पवार का इस्तीफा ऐसे समय
में आया है जबकि उनके भतीजे और विपक्ष के नेता अजित पवार की बीजेपी के साथ बढ़ती
नजदीकियों की चर्चा गर्म है।
पवार ने अपने इस्तीफे की
वजह पार्टी का भविष्य और नया नेतृत्व तैयार करना बताया था। नए अध्यक्ष की खोज के
लिए पवार ने ही एक समिति का गठन किया था। इस समिति में अजित पवार, सुप्रिया सुले, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल और छगन भुजबल को शामिल
किया गया था।
माना जा रहा है कि अजित
पवार इस पद को पाना चाह रहे हैं, जबकि पवार की
पसंद सुप्रिया सुले हैं, जो उनकी बेटी भी
हैं। एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि सुप्रिया सुले को राष्ट्रीय
अध्यक्ष और अजित पवार को महाराष्ट्र इकाई का अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
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ज्ञात हो कि एनसीपी का
गठन शरद पवार ने कांग्रेस से निकाले जाने के बाद 1999 में कुछ सीनियर नेताओं के साथ किया गया था। पवार को
कांग्रेस से निकाले जाने का कारण, उनके द्वारा
सोनिया गांधी का विरोध है जो उन्होंने विदेशी मूल के मसले को लेकर किया था। एनसीपी
की कमान पवार परिवार के ही हाथ में रहने की प्रबल संभावनाएं हैं, इसका कारण पार्टी में टूट और बिखराव की आशंका
है।
एनसीपी में ज्यादातर लोग
इस बात से सहमत हैं कि पवार के बाद पार्टी की कमान सुप्रिया सुले को सौंपी जाए
क्योंकि उन्होंने तीन बार सांसद के रूप में खुद को प्रभावी साबित किया है। जबकि
अजित पवार की महाराष्ट्र में अच्छी पकड़ मानी जाती है। इसके साथ ही अजित
महाराष्ट्र की ही राजनीति करना चाहते हैं जबकि सुप्रिया की दिलचस्पी राष्ट्रीय
राजनीति में ज्यादा है।
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