पवार ने अपने सहयोगियों से कहा था कि उन्हें 1999 में स्थापित पार्टी के प्रमुख के रूप में जारी रखने के बारे में सोचने के लिए समय चाहिए। लेकिन बाद में शरद पवार ने आज शाम कहा, 'सब कुछ पर पुनर्विचार करने के बाद मैं घोषणा करता हूं कि मैं पार्टी के अध्यक्ष के रूप में जारी रहूंगा। मैं अपना पिछला फैसला वापस लेता हूं।'
एनसीपी का भविष्य तय करने के लिए 18 सदस्यीय समिति गठित की गई थी। पार्टी के वरिष्ठ नेता और समिति के संयोजक प्रफुल्ल पटेल ने कहा, 'समिति ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है। इसमें कहा गया है कि एनसीपी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद शरद पवार का इस्तीफा सर्वसम्मति से खारिज कर दिया गया है। यह अनुशंसा करता है कि शरद पवार को पार्टी अध्यक्ष के पद पर बने रहना चाहिए'।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'अपनी आत्मकथा के प्रकाशन के दौरान मैंने एनसीपी प्रमुख के पद से अपनी सेवानिवृत्ति की घोषणा की थी। 63 साल के सार्वजनिक जीवन के बाद मैं सभी जिम्मेदारियों से मुक्त होना चाहता था। हालांकि, मेरा फैसला लोगों को रास नहीं आया और कड़ी प्रतिक्रिया देखने को मिली। एनसीपी कार्यकर्ता, पदाधिकारी और लोग नाखुश थे। उन्होंने मुझसे अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा। उन्होंने मुझसे इसके लिए अपील की। साथ ही, राज्य और देश भर के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने मुझसे पार्टी के अध्यक्ष के रूप में बने रहने का अनुरोध किया।'
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मैं लोगों की भावनाओं का अपमान नहीं कर सकता। आपके प्यार ने मुझे भावुक कर दिया है। एनसीपी के वरिष्ठ नेताओं की समिति के निर्णय के बारे में मुझे बताया गया और मैं इसका सम्मान करता हूं। इसलिए मैं पद से इस्तीफा देने के अपने फैसले को वापस लेता हूं।
शरद पवार, एनसीपी प्रमुख
एनसीपी प्रमुख ने कहा कि हालाँकि वह अपनी जिम्मेदारियों को जारी रखेंगे, लेकिन अब उनका प्राथमिक ध्यान एक नया नेतृत्व तैयार करना और उन्हें नई जिम्मेदारियां सौंपना होगा।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अजित पवार क्यों नहीं?
शरद पवार ने शुक्रवार को उन अटकलों को भी खारिज कर दिया कि उनके भतीजे अजित पवार शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल नहीं होने के बाद उनसे नाखुश थे या पार्टी छोड़ने की योजना बना रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रेस कांफ्रेंस में सभी नेताओं का मौजूद होना जरूरी नहीं है। पवार ने कहा, एनसीपी के सभी नेता उत्तराधिकार समिति की बैठक में उस दिन पहले उपस्थित थे जब उन्होंने सर्वसम्मति से फैसला किया कि उन्हें पार्टी प्रमुख के रूप में जारी रखा जाना चाहिए।
बता दें कि इससे पहले आज चले घटनाक्रम में एनसीपी की कमेटी द्वारा पवार के इस्तीफे को नामंजूर किए जाने के बाद पवार ने सोचने के लिए फिर वक्त मांगा था।
पवार के इस ताज़ा फ़ैसले से पहले प्रफुल्ल पटेल ने बताया था कि शरद पवार ने एनसीपी की एक कमेटी गठित कर नया अध्यक्ष चुनने की जिम्मेदारी हमें दी थी। इस कमेटी में पहला नाम मेरा था। इस्तीफे के बाद से ही पवार साहेब से फैसला वापस लेने की अपील की जा रही थी। पटेल ने कहा था कि हमने उनसे आग्रह किया कि केवल पार्टी ही नहीं, राज्य और देश की राजनीति को भी उनकी जरूरत है।
शरद पवार के एनसीपी अध्यक्ष पद से इस्तीफ़े के बाद पार्टी में उथल-पुथल मची हुई थी। एक तरफ नए अध्यक्ष का नाम तय करने की बात चल रही थी तो दूसरी ओर महाराष्ट्र के कई शहरों में शरद पवार के समर्थन में एनसीपी कार्यकर्ता सड़क पर उतरे थे। उनके समर्थन में कई जगह पोस्टर और होर्डिंग लगाए गए।
पवार का इस्तीफा ऐसे समय में आया था जब उनके भतीजे और विपक्ष के नेता अजित पवार की बीजेपी के साथ बढ़ती नजदीकियों की चर्चा गर्म है। पवार ने अपने इस्तीफे की वजह पार्टी का भविष्य और नया नेतृत्व तैयार करना बताया था। नए अध्यक्ष की खोज के लिए पवार ने ही एक समिति का गठन किया था। इस समिति में अजित पवार, सुप्रिया सुले, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल और छगन भुजबल को शामिल किया गया था।
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