महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घमासान के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार में फ़ैसले लेने में कांग्रेस की प्रमुख भूमिका नहीं है।
मंगलवार को ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान महाराष्ट्र में कोरोना संकट से जुड़े एक सवाल के जवाब में राहुल ने कहा, ‘मैं एक बात का अंतर साफ करना चाहूंगा। हम महाराष्ट्र में सरकार का समर्थन कर रहे हैं लेकिन हम फ़ैसला लेने वाले प्रमुख लोगों में से नहीं हैं।’
राहुल ने कहा, ‘हम पंजाब में फ़ैसला लेते हैं, छत्तीसगढ़, राजस्थान और पुडुचेरी में लेते हैं। सरकार चलाने और सरकार को समर्थन देने में अंतर होता है।’ इन राज्यों में कांग्रेस अपने दम पर सरकार चला रही है।
राहुल के बयान ने महाराष्ट्र में चल रही सियासी खींचतान को थोड़ा और उलझा दिया है। क्योंकि सरकार में भागीदारी होने के कारण यह माना जा रहा था कि राहुल उद्धव ठाकरे सरकार का कोरोना को लेकर सवालों पर बचाव करेंगे लेकिन उन्होंने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि कांग्रेस की सरकार में फ़ैसले लेने में प्रमुख भूमिका नहीं है।
एक तरह से राहुल ने महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बीच चल रही खींचतान से खुद को दूर ही रखने की कोशिश की है। बताया गया है कि पवार लॉकडाउन को ख़त्म करने को तैयार नहीं होने के कारण ठाकरे से थोड़े नाराज हैं।
हालांकि राहुल ने कहा कि कोरोना घनी जगहों में ज़्यादा होता है और महाराष्ट्र ऐसा ही इलाक़ा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र बहुत कठिन लड़ाई लड़ रहा है और ऐसे में केंद्र सरकार को महाराष्ट्र सरकार को पूरा सहयोग करना चाहिए।
कांग्रेस ने कहा है कि इस मामले में राहुल गांधी के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करने की कोशिश की गयी है। शिवसेना की ओर से कहा गया है कि उद्धव ठाकरे सरकार स्थिर है और उसे कोई ख़तरा नहीं है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार की बेटी और पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा है कि उन्होंने राहुल गांधी के बयान को सुना है और उनके मुताबिक़, राहुल ने पूरी तरह सही कहा है।
दूसरी ओर, एनसीपी नेता मजीद मेमन ने कहा, ‘यह कहना सही नहीं है कि कांग्रेस फ़ैसला लेने वाली प्रक्रिया का हिस्सा नहीं है। कांग्रेस के सदस्य कैबिनेट का हिस्सा हैं और वे बाहर से समर्थन नहीं दे रहे हैं। वे महाराष्ट्र सरकार द्वारा लिए फ़ैसलों पर हस्ताक्षर करते हैं।’
राहुल के बयान पर बीजेपी नेता शाइना एनसी ने कहा है कि राहुल गांधी का बयान महाराष्ट्र के लोगों के साथ भद्दा मजाक है।
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