विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि जिन देशों में कोरोना संक्रमण कमज़ोर पड़ रहा है वहाँ यदि इसे रोकने के लिए किए गए उपायों में ढील दी गई तो दूसरी बार यह तुरंत ज़ोर पकड़ सकता है। दुनिया भर में अभी भी संक्रमण पहले चरण में ही है और संक्रमित होने वालों की संख्या 56 लाख से ज़्यादा हो गई है व क़रीब साढ़े तीन लाख लोगों की मौत हो गई है।
कुछ देशों में संक्रमण को काबू कर लिया गया है लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में ऐसे देश हैं जहाँ संक्रमण काफ़ी तेज़ी से फैल रहा है। अभी भी हर रोज़ अमेरिका में क़रीब 20 हज़ार, ब्राज़ील में 13 हज़ार, रूस में 8-9 हज़ार, भारत में 6-7 हज़ार नये पॉजिटिव मामले आ रहे हैं। यूरोप के स्पेन, इटली, फ़्रांस, जर्मनी, इंग्लैंड जैसे देशों और दुनिया भर के कई अन्य देशों में संक्रमण कम होने लगे हैं।
दुनिया भर में संक्रमण की स्थिति को लेकर डब्ल्यूएचओ के आपात व्यवस्था के प्रमुख माइक रयान ने कहा कि दुनिया अभी भी कोरोनो वायरस के प्रकोप की पहली लहर के बीच में है। उन्होंने कहा कि हालाँकि कई देशों में मामले घट रहे हैं, लेकिन वे अभी भी मध्य और दक्षिण अमेरिका, दक्षिण एशिया और अफ़्रीका में बढ़ रहे हैं।
रयान ने कहा कि महामारी अक्सर लहरों में आती है, इसका मतलब है कि प्रकोप इस साल के अंत में उन स्थानों पर आ सकते हैं जहाँ पहली लहर कमज़ोर पड़ गई है। उन्होंने कहा कि इसकी संभावना है कि संक्रमण की दर फिर से तेज़ी से बढ़ सकती है अगर पहली लहर को रोकने के लिए किए गए उपायों को जल्द ही हटा लिया गया।
रयान ने कहा, 'यूरोप और उत्तरी अमेरिका के देशों को सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक उपायों, निगरानी उपायों, परीक्षण उपायों और एक व्यापक रणनीति को जारी रखना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हम संक्रमण कम होने की ओर अग्रसर रहें और तुरंत दूसरी बार संक्रमण के मामलों में तेज़ी नहीं आए।'
बता दें कि क़रीब एक पखवाड़े पहले ही भारत सहित उन तमाम देशों के लिए डब्ल्यूएचओ ने बेहद अहम सुझाव दिया था जो लॉकडाउन को धीरे-धीरे हटा रहे हैं। इसने कहा था कि प्रतिबंधों को हटाने पर अत्यधिक सतर्कता ज़रूरी है क्योंकि वायरस के फैलने का दूसरा फ़ेज आ सकता है। उन कई देशों में वायरस फिर से तेज़ी से फैलने लगा है जहाँ पहले यह काफ़ी धीमा पड़ गया था। जर्मनी ने जब लॉकडाउन में ढील दी तो पॉजिटिव मामले बढ़ने लगे। दक्षिण कोरिया में भी देखने को मिला है कि नाइट क्लब में फिर से कई मामले पॉजिटिव आने लगे हैं।
डब्ल्यूएचओ का सुझाव भारत के लिए भी अहम है क्योंकि भारत ने भी धीरे-धीरे लॉकडाउन में ढील देनी शुरू कर दी है।
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