शिवसेना से बगावत करने वाले विधायकों की कयादत कर रहे बागी नेता एकनाथ शिंदे के समर्थन में सोमवार को ठाणे में शिव सैनिकों ने प्रदर्शन किया। एकनाथ शिंदे का ठाणे के इलाके में अच्छा-खासा असर है और यहां शिवसेना को मजबूत करने के लिए उन्होंने काफी काम किया है।
शिंदे के समर्थकों ने ठाणे में प्रदर्शन को लेकर सोशल मीडिया पर अपील भी जारी की थी और प्रदर्शन कर उन्होंने अपनी ताकत दिखाई है। इस दौरान शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत का पुतला भी फूंका गया।
शिंदे के समर्थकों ने एकनाथ शिंदे आगे बढ़ो, हम तुम्हारे साथ हैं, के नारे भी लगाए। एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे कल्याण लोकसभा सीट से सांसद हैं।
महाराष्ट्र में शिवसेना के बागी विधायकों के दफ्तरों पर हो रहे हमले के बाद इसे शिंदे के समर्थकों का जवाब माना जा रहा है। बीते दिनों में नासिक से लेकर कोल्हापुर और पुणे से लेकर कई जगहों पर बागी विधायकों के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं और एकनाथ शिंदे के पोस्टर पर काली स्याही भी फेंकी गई थी।
दूसरी ओर शिवसेना के प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के समर्थन में शिव सैनिक भी कई जगहों पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
शिवसैनिकों ने शनिवार को बुलढाणा विधानसभा क्षेत्र में प्रदर्शन किया था और शिवसेना के महा विकास आघाडी से बाहर निकलने की मांग उठाई। शिव सैनिकों ने आरोप लगाया था कि एनसीपी शिव सेना को बर्बाद कर रही है। शिवसैनिकों ने इस दौरान आघाडी तोड़ो के नारे भी लगाए थे।
बागी विधायकों को नचनिया कहा
शिवसेना में हुई बगावत के बाद पार्टी का संकट गहरा गया है क्योंकि बड़ी संख्या में विधायक गुवाहाटी के रेडिसन ब्लू होटल में ठहरे हुए हैं। 55 विधायकों वाली शिवसेना के लगभग 40 विधायक बगावत कर चुके हैं। 15 बागी विधायकों को केंद्र सरकार ने वाइ प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी है जिसके बाद शिवसेना ने इन विधायकों को नचनिया कहा है और सामना में लिखे ताजा संपादकीय में बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर हमला बोला है।
सूरत और गुवाहाटी के होटल से होता हुआ यह मामला महाराष्ट्र की विधानसभा और अब शीर्ष अदालत तक पहुंच चुका है। जब ये विधायक गुवाहाटी से महाराष्ट्र और मुंबई में लौटेंगे तो निश्चित रूप से शिव सैनिकों के साथ उनकी झड़प होगी और ऐसे में महाराष्ट्र में सियासी माहौल बेहद तनावपूर्ण हो सकता है।
इधर, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने बागी नेता एकनाथ शिंदे से फोन पर बात की है और इसके बाद महाराष्ट्र की सियासत में नए समीकरण बनने के कयास लगाए जा रहे हैं।
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