महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर चल रही कवायद के बीच कुछ दिन पहले बीजेपी नेता सुधीर मुनगंटीवार का बयान आया था कि यदि बीजेपी की सरकार नहीं बनी तो प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लग जाएगा। उनके इस बयान पर अच्छी-ख़ासी प्रतिक्रिया आई थी लेकिन अब प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लग चुका है। तो क्या वाक़ई में मुनगंटीवार के बयान और राष्ट्रपति शासन के बीच कोई संबंध है? क्या मुनगंटीवार यह संकेत देना चाह रहे थे कि प्रदेश में उनके दल की सरकार नहीं बनी तो किसी और पार्टी की सरकार भी नहीं बनेगी?
महाराष्ट्र: क्या अब विधायकों की ख़रीद-फरोख़्त का ‘खेल’ शुरू होगा?
- महाराष्ट्र
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- 13 Nov, 2019

क्या बीजेपी नेता सुधीर मुनगंटीवार यह संकेत देना चाह रहे थे कि प्रदेश में उनके दल की सरकार नहीं बनी तो किसी और पार्टी की सरकार भी नहीं बनेगी?
महाराष्ट्र में राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन यह कहते हुए लगाया कि प्रदेश में सरकार बनाने का कोई विकल्प नहीं है। राज्यपाल के इस निर्णय पर टीका-टिप्पणियों का दौर जारी है जिसमें एक बात प्रमुखता से कही जा रही है कि सभी दलों को अपना दावा रखने के लिए बराबर का समय क्यों नहीं दिया गया। दूसरी बात जो कही जा रही है, वह यह है कि बहुमत सिद्ध करने का स्थान राजभवन नहीं विधानसभा है और वहां प्रयास किये बग़ैर यह कहना कि कोई विकल्प नहीं है, कहां तक जायज है। इनके अलावा एक आशंका जो चर्चा का विषय बनी हुई है वह यह है कि क्या अब विधायकों की ख़रीद-फरोख़्त का बाजार गरमाने वाला है?