महाराष्ट्र में कई दिनों तक चले सियासी ड्रामे के बाद मंगलवार को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया। इसे लेकर विपक्षी राजनीतिक दलों ने तीख़ी प्रतिक्रियाएँ दीं और राज्यपाल पर संविधान का मखौल उड़ाने का आरोप लगाया। विपक्षी दलों का कहना है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को मंगलवार रात 8.30 बजे तक का समय दिया गया था लेकिन उससे पहले ही राष्ट्रपति शासन लगाने का निर्णय केंद्र सरकार के इशारे पर लिया गया है।