महाराष्ट्र में सरकार बनाने में बीजेपी का साथ देने वाले एनसीपी नेता अजीत पवार के ख़िलाफ़ सिंचाई घोटाले के केस बंद किए जाने की अपुष्ट ख़बर ने तहलका मचा दिया। इसके बाद सवाल उठने लगे कि क्या सच में अजीत पवार उप मुख्यमंत्री बनते ही सिंचाई घोटाले के आरोपों से पाक-साफ़ हो गए? कई मीडिया रिपोर्टों में तो दावा किया गया कि अजीत पवार के ख़िलाफ़ सिंचाई घोटाले वाला केस एंटी करप्शन ब्यूरो यानी एसीबी द्वारा बंद कर दिया गया है और इसके लिए बतौर एक एसीबी के नाम से जारी पत्र का हवाला भी दिया गया। लेकिन इस ख़बर के आने के तुरंत बाद ही एसीबी के अधिकारियों ने सफ़ाई दी कि अजीत पवार के ख़िलाफ़ कोई केस बंद नहीं किया गया है। आख़िर सच्चाई क्या है?