महाराष्ट्र में सियासी संकट की सुगबुगाहट के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज सहयोगी दलों की बैठक बुलाई है। राज्य के सियासी दिग्गजों और राज्यपाल के बीच हुई ताज़ा बैठकों के बाद किसी बड़े घटनाक्रम के होने की आशंका जताई जा रही है। महाराष्ट्र में शिवसेना कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ मिलकर सरकार चला रही है।
छह महीने पुरानी ठाकरे सरकार पर उद्धव के विधान परिषद का सदस्य निर्वाचित होने को लेकर चले घमासान के वक़्त से ही आफ़त आई हुई है। मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच इस मुद्दे के अलावा राजभवन में नियुक्तियों को लेकर भी टकराव हो चुका है।
इस सबके बीच जैसे ही पूर्व मंत्री नारायण राणे ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की, तमाम अटकलें सिर उठाने लगीं। इसके बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार राज्यपाल कोश्यारी से मिले। पवार ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ भी बैठक की है। हालांकि शिवसेना का कहना है कि ठाकरे सरकार स्थिर है लेकिन ऐसे नाजुक वक्त में उद्धव द्वारा सहयोगी दलों की बैठक क्यों बुलाई गई है, यह बड़ा सवाल है।
शरद पवार ने भी कहा है कि महाराष्ट्र सरकार को कोई ख़तरा नहीं है लेकिन राज्यपाल से उनकी मुलाक़ात को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
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