लेकिन शरद पवार ने कहा है कि बीजेपी और शिवसेना के पास जनादेश है, इसलिए उन्हें जल्दी से जल्दी सरकार बनानी चाहिए। पवार ने कहा कि उन्हें विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है। पवार ने शिवसेना-एनसीपी की सरकार को लेकर चल रही अटकलों पर कहा कि इसका सवाल ही कहाँ उठता है? एनसीपी प्रमुख ने कहा कि बीजेपी-शिवसेना पिछले 25 सालों से साथ-साथ हैं और आज नहीं तो कल वे फिर से साथ आ जायेंगे।
Sharad Pawar,NCP Chief: Where is the question of a Shiv Sena-NCP government? They(BJP-Shiv Sena) are together for last 25 years,today or tomorrow they will come together again. https://t.co/vCXBLEh4ei pic.twitter.com/oHnc7lvFRv
— ANI (@ANI) November 6, 2019
ज़ी न्यूज़ के मुताबिक़, एनसीपी की ओर से सरकार गठन के लिये शिवसेना के सामने 50:50 का फ़ॉर्मूला रखा गया है। इस प्रस्ताव के मुताबिक़, मुख्यमंत्री पद ढाई साल के लिये एनसीपी के पास रहेगा जबकि ढाई साल के लिये शिवसेना के पास। बताया जा रहा है कि मंत्रालयों के बँटवारे को लेकर भी एनसीपी महाराष्ट्र की सत्ता में समान भागीदारी चाहती है।
इससे पहले सोमवार को अंग्रेजी अख़बार ‘द टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ (टीओआई) ने ख़बर दी थी कि, एनसीपी के एक नेता ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा है कि एनसीपी शिवसेना के साथ सरकार बनाने की इच्छुक है और कांग्रेस इस गठबंधन को बाहर से समर्थन दे सकती है। इसके मुताबिक़, मुख्यमंत्री पद शिवसेना के पास रहेगा और उप मुख्यमंत्री का पद एनसीपी के पास रहेगा।
बीजेपी और शिवसेना के बीच जो लड़ाई है, वह मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर ही है। शिवसेना महाराष्ट्र की सत्ता में समान भागीदारी के साथ ही ढाई साल के लिये मुख्यमंत्री का पद चाहती है जबकि बीजेपी किसी भी सूरत में मुख्यमंत्री के पद का बँटवारा नहीं चाहती।
संघ की शरण में फडणवीस
बीजेपी-शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रहे सियासी घमासान के बीच मंगलवार रात को देवेंद्र फडणवीस ने संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाक़ात की थी। मंगलवार को ही महाराष्ट्र की बीजेपी कोर कमेटी की भी बैठक हुई थी। माना जा रहा है कि बीजेपी सरकार बनाने के सभी संभव विकल्पों पर विचार कर रही है और उसने शिवसेना को मनाने की कोशिश भी की है, लेकिन उसे कोई सफलता नहीं मिल सकी है।
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