भारत रत्न सचिन तेंदुलकर के कोच रमाकांत आचरेकर को राजकीय सम्मान के साथ विदाई नहीं दिए जाने पर महाराष्ट्र सरकार घिर गई है। एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि श्रीदेवी को राजकीय सम्मान दिलाने में जल्दबाज़ी की गई तो आचरेकर का अपमान क्यों? राज ठाकरे और संजय राउत जैसे कई नेताओं ने भी आचरेकर को राजकीय सम्मान नहीं दिए जाने के लिए महाराष्ट्र सरकार की आलोचना की। चौतरफा दबाव के बाद महाराष्ट्र सरकार के मंत्री काे माफ़ी माँगनी पड़ी। मंत्री ने सफ़ाई दी कि सरकार में ‘ठीक से तालमेल नहीं’ होने से यह गड़बड़ी हुई।
‘श्रीदेवी को राजकीय सम्मान तो आचरेकर का अपमान क्यों?’
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- 4 Jan, 2019
भारत रत्न सचिन तेंदुलकर के कोच रमाकांत आचरेकर को राजकीय सम्मान के साथ विदाई नहीं दिए जाने पर महाराष्ट्र सरकार घिर गई है। एनसीपी नेता ने कहा कि श्रीदेवी को राजकीय सम्मान दिलाने में जल्दबाज़ी की गई तो आचरेकर का अपमान क्यों?

सचिन के बचपन के कोच रहे आचरेकर का अंतिम संस्कार गुरुवार को मुंबई के शिवाजी पार्क में हुआ। उनका बुधवार को निधन हो गया। वह 87 वर्ष के थे। वह पद्मश्री और द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित हो चुके थे। उनके अंतिम संस्कार में सचिन तेंडुलकर, विनोद कांबली, आवास मंत्री प्रकाश मेहता, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे, मुंबई के मेयर विश्वनाथ महाडेश्वर भी शामिल हुए।
नवाब मलिक ने ट्वीट किया, ‘रमाकांत आचरेकर भारत के सबसे महान क्रिकेट कोचों में से एक हैं। उन्होंने तेंदुलकर और कांबली जैसे बल्लेबाज़ों को कोचिंग दी थी। उन्हें पद्मश्री अवार्ड दिया गया। यह शर्मनाक है कि सत्ताधारी महाराष्ट्र सरकार उन्हें राजकीय सम्मान देने में असफल रही जिसके वह हक़दार थे...।’