आचार संहिता लग गयी, टिकटों का बँटवारा भी शुरु हो गया लेकिन भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दल अभी भी इस उलझन में हैं कि उनको भी कोई सीट मिलेगी या वे पिछले चुनाव की तरह इस बार भी सत्ता तक पहुँचने के लिए सीढ़ी मात्र रहेंगे। ये वही दल हैं, जिन्होंने गठबंधन टूटने पर विधान सभा चुनावों में बीजेपी के साथ मिलकर शिवसेना को पटकनी देने में मदद की थी।
महाराष्ट्र में तीसरे नहीं, चौथे मोर्चे की सुगबुगाहट
- महाराष्ट्र
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- 12 Mar, 2019

विधानसभा में भाजपा के साथ मिलकर इन दलों ने शिवसेना को पटकनी देने में मदद की थी, लेकिन आज बीजेपी को शिवसेना का साथ मिलने पर ये सहयोगी दल बेगानों जैसे हो गये हैं।