महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर कहा कि केंद्र सरकार की ओर से उद्धव ठाकरे सरकार को पूरा सहयोग मिल रहा है। फडणवीस ने कहा, ‘बीजेपी को सरकार बनाने की कोई जल्दी नहीं है, हम सरकार बनाने का कोई प्रयास नहीं कर रहे हैं, यह सरकार अपने अंतर्विरोधों से खुद ही गिर जाएगी। हमारा प्रयास सरकार को भगाने का नहीं, जगाने का है।’ फडणवीस ने कहा कि केंद्र ने राज्य को गेहूं, चावल, पीपीई किट, एन-95 मास्क सहित बाक़ी सामान भी दिया है।
ठाकरे सरकार से नहीं संभल रहे हालात
फडणवीस ने कहा कि देश में कोरोना के सबसे ज़्यादा मामले महाराष्ट्र में हैं, 40 फ़ीसदी से ज़्यादा मौतें महाराष्ट्र में हुई हैं और मुंबई के हालात बेहद ख़राब हैं। फडणवीस ने कहा कि मुंबई में हर दिन 10 हज़ार टेस्टिंग की कैपिसिटी है लेकिन औसतन हर दिन 3500 टेस्ट हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को अस्पताल, एंबुलेंस, बेड नहीं मिल रहे हैं, अस्पतालों में लाशें रखने की जगह नहीं है और सरकार हालात पर कंट्रोल नहीं कर पा रही है।
राहुल के बयान पर घेरा
फडणवीस ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान का यह मतलब निकलता है कि जब हालात राज्य सरकार के हाथ से निकल रहे हैं, तब इसका सारा ठीकरा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और शिवसेना के सिर डालने का प्रयास राहुल गांधी ने किया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का बयान अपनी जिम्मेदारी से भागने जैसा है।
तीनों दलों में कोई तालमेल नहीं
फडणवीस ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘सरकार में शामिल तीनों दलों के बीच कोई तालमेल नहीं है। कांग्रेस-एनसीपी बैठते हैं, उसमें शिवसेना के नेताओं को नहीं बुलाया जाता। मुख्यमंत्री जी कुछ घोषित करते हैं और कुछ दूसरा ही फ़ैसला होता है।’ उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई कोरोना से है।
बैठकों से गर्माया राज्य का माहौल
बीते दो दिनों से महाराष्ट्र में ताबड़तोड़ बैठकों का दौर चल रहा है। सोमवार को पूर्व मंत्री नारायण राणे ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की। इसके बाद सोमवार को ही एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने राज्यपाल कोश्यारी से मुलाकात की। कोश्यारी से मुलाकात के बाद पवार ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ बैठक की। कोरोना से जूझ रहे महाराष्ट्र में सियासी दिग्गजों के बीच लगातार बैठकों के बाद राज्य का सियासी तापमान बढ़ गया है।
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