अंडरवर्ल्ड और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट, मुंबई में ये शब्द आम हैं। महानगर पर कभी अंडरवर्ल्ड का वर्चस्व हुआ करता था और उस वर्चस्व को तोड़ने के लिए एनकाउंटर स्पेशलिस्ट बनाये गए थे। इसे संयोग ही कहा जा सकता है कि जिस दौर में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की टीम (सीआईयू यानी क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट) बनाने का निर्णय किया गया था, उस समय प्रदेश में शिवसेना का ही मुख्यमंत्री था और आज भी।
मुंबई के एनकाउंटर स्पेशलिस्टों की तिलिस्मी दुनिया
- महाराष्ट्र
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- 23 Mar, 2021

प्रदेश में पहली बार सत्ता में आयी बीजेपी-शिवसेना सरकार की विश्वसनीयता घट रही थी। मुंबई अपने एक इशारे पर चलाने तथा सरकार का रिमोट कंट्रोल अपने हाथ में होने की बात करने वाले बाला साहब ठाकरे की प्रतिष्ठा पर सवाल उठने लगे। ऐसे में तत्कालीन गृह मंत्री गोपीनाथ मुंडे ने गैंगस्टरों का सफाया करने के लिए पुलिस को एक तरह से असीमित अधिकार दे दिए। ये अधिकार सीआईयू के गठन के रूप में दिए गए। यहीं से शुरू होता है अंडरवर्ल्ड माफ़िया और एनकाउंटर का अध्याय।
उस समय भारतीय जनता पार्टी महाराष्ट्र में शिवसेना के छोटे भाई की भूमिका में थी और उप मुख्यमंत्री तथा गृह मंत्री का कार्यभार संभाल रहे गोपीनाथ मुंडे ने सीआईयू का गठन किया था।
सरकार के निर्णय को उस दौर में बहुत सराहा गया था क्योंकि उसने अंडरवर्ल्ड से लड़ने के लिए पुलिस को उसके अनुकूल तैयार करने की शुरुआत की थी।
लेकिन उसी सीआईयू के एक अधिकारी के कारण आज सरकार की किरकिरी हो रही है, उसकी कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लगाए जा रहे हैं। वह भी ऐसे समय जब मुख्यमंत्री की कुर्सी पर शिवसेना के संस्थापक प्रमुख बालासाहब ठाकरे के पुत्र शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे बैठे हैं।