महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। बीजेपी, शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों ने अपने-अपने नामांकन दाखिल कर दिए हैं।
महाराष्ट्र में राज्यसभा की 6 सीटों के लिए चुनाव होना है। अगर आंकड़ों को देखा जाए तो आंकड़े फिलहाल महाराष्ट्र की महा विकास आघाडी सरकार यानी कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी के पक्ष में हैं। लेकिन बीजेपी ने तीसरे उम्मीदवार को उतारकर मामले को रोचक बना दिया है।
ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि जब बीजेपी के पास तीसरे उम्मीदवार के लिए बहुमत का आंकड़ा ही नहीं है तो वह जीत कैसे हासिल करेगी। ऐसे में खरीद-फरोख्त ही एकमात्र पहलू सामने आ रहा है।
बीजेपी इसके साथ ही निर्दलीयों के भरोसे है। इसके अलावा बीजेपी तीनों पार्टियों से तोड़फोड़ की भी आस लगाए बैठी हुई है।
पूरे देश में भी राज्यसभा चुनाव को लेकर हलचल तेज है और महाराष्ट्र में भी माहौल गर्म है।
सोमवार को बीजेपी की तरफ से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, डॉक्टर अनिल बोंडे और धनंजय महाडिक ने अपने-अपने नामांकन पत्र दाखिल कर दिए, वहीं एनसीपी की तरफ से प्रफुल्ल पटेल ने नामांकन पत्र भर दिया है जबकि शिवसेना की तरफ से संजय राउत और संजय कदम पहले ही नामांकन भर चुके हैं।
इमरान प्रतापगढ़ी को कांग्रेस ने टिकट दिया है। ऐसे में राज्य की 6 सीटों के लिए 7 उम्मीदवार मैदान में हैं। इस तरह एक उम्मीदवार की हार निश्चित है लेकिन अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि जीत किसकी होगी। आंकड़ों की बात करें तो बीजेपी और उसके सहयोगियों के पास सिर्फ दो उम्मीदवारों को ही जिताने लायक वोट हैं। ऐसे में बीजेपी ने जो तीसरे उम्मीदवार को मैदान में उतारा है, उससे ऐसा लग रहा है कि वह तीसरे उम्मीदवार को जोड़-तोड़ के सहारे जिताना चाहती है।
खरीद-फरोख्त का आरोप
शिवसेना ने बीजेपी पर राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त का बड़ा आरोप लगाया है। शिवसेना नेता कृष्णा हेगड़े ने कहा है कि बीजेपी हमेशा से खरीद-फरोख्त और जोड़-तोड़ में विश्वास करती आई है। कृष्णा हेगड़े का कहना है कि आघाडी सरकार के पक्ष में निर्दलीय विधायक जुड़े हुए हैं और वे सभी संजय कदम के पक्ष में ही वोट करेंगे।
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले का कहना है कि बीजेपी के खून में खरीद-फरोख्त की राजनीति जमी हुई है, यही कारण है कि बीजेपी ने पर्याप्त वोट ना होते हुए भी तीसरे उम्मीदवार को मैदान में उतारा है।
नगमा की नाराजगी
इमरान प्रतापगढ़ी को टिकट मिलने के बाद मचे घमासान के बीच नाना पटोले ने कहा कि कांग्रेस इकलौती पार्टी है जहां पर सभी को अपनी बात कहने का हक है। अगर कांग्रेस की नेत्री नगमा ने अपनी कोई प्रतिक्रिया जाहिर की है तो वह उनकी निजी राय है। पटोले ने यह भी कहा कि आलाकमान के निर्देश पर ही इमरान प्रतापगढ़ी को टिकट दिया गया है और फिलहाल पार्टी में उनकी उम्मीदवारी को लेकर कोई मनमुटाव नहीं है।
बता दें कि जैसे ही कांग्रेस की तरफ से इमरान प्रतापगढ़ी को महाराष्ट्र से राज्यसभा का उम्मीदवार घोषित किया गया, नगमा ने यह कहते हुए सवाल उठाए थे कि इमरान भाई के सामने हमारी 18 साल की तपस्या में कोई कमी रह गई होगी।
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तीनों उम्मीदवार जीतेंगे: बीजेपी
42 वोटों की जरूरत
महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए हर उम्मीदवार को 42 वोटों की जरूरत होगी। वर्तमान में महा विकास आघाडी सरकार के पास 169 विधायक हैं। जिसमें से शिवसेना के पास 55, एनसीपी के पास 54 और कांग्रेस के पास 44 विधायकों का समर्थन है जबकि अन्य छोटे दलों के आठ और निर्दलीय आठ विधायक आघाडी सरकार के साथ हैं। जबकि विपक्ष में बैठी बीजेपी के पास 113 विधायकों का समर्थन है।
13 विधायकों की जरूरत
बीजेपी इन विधायकों के सहारे सिर्फ 2 सीट ही जीत सकती है। तीसरी सीट जीतने के लिए बीजेपी को और 13 विधायक जुटाने होंगे। जबकि शिवसेना के पास एक उम्मीदवार के जीतने के बाद 13 वोट बाकी बचते हैं। ऐसे में उसे एनसीपी से 12 और कांग्रेस के दो और साथ ही अन्य छोटे दलों के आठ और आठ निर्दलीय विधायकों के वोट मिल जाते हैं तो महा विकास आघाडी का चौथा उम्मीदवार जीत सकता है।
बता दें कि राज्यसभा का चुनाव ओपन वोटिंग के जरिए होता है ऐसे में पार्टी के विधायकों का टूटना लगभग नामुमकिन लग रहा है। लेकिन महाराष्ट्र का राज्यसभा चुनाव रोचक जरूर हो गया है।
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