जिस अजित पवार को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी कुछ महीने पहले बिदक गई थी, अब शिंदे ने आज उसी अजित पवार का गर्मजोशी से स्वागत किया। अजित न सिर्फ़ सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल हुए बल्कि उन्हें उप मुख्यमंत्री पद से नवाजा गया। शिंदे की पार्टी ने अप्रैल महीने में धमकी दी थी कि अगर अजित पवार उनके गुट के साथ गठबंधन में शामिल होते हैं तो उनकी पार्टी सरकार छोड़ देगी।
यह घटना उस वक़्त की है जब इसी साल अप्रैल महीने में महाराष्ट्र की राजनीति में उथल पुथल मची हुई थी। इसका कारण विधानसभा में तत्कालीन विपक्ष के नेता अजित पवार थे। उन दिनों खबरें आ रही थीं कि अजित पवार पार्टी तोड़कर बीजेपी से हाथ मिलाने जा रहे हैं। हालाँकि एक दिन बाद अजित पवार ने उन खबरों का खंडन कर दिया था। उन्होंने कहा था कि वे कहीं नहीं जा रहे हैं।
तब अजित पवार द्वारा उन ख़बरों का खंडन किए जाने के बावजूद बीजेपी के साथ महाराष्ट्र की सरकार में शामिल शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) ने अजित पवार के पार्टी तोड़कर सरकार में संभावित रूप से शामिल किए जाने का विरोध किया था। शिंदे गुट का कहना था कि अजित पार्टी तोड़कर आएँ और बीजेपी या फिर शिंदे गुट की शिवसेना में शामिल हों, उनकी विचारधारा को स्वीकार करें, तभी उनको सरकार में शामिल किया जाएगा।
इस मसले पर शिवसेना के विधायक और प्रवक्ता संजय शिरसाट ने मीडिया से कहा था कि अजित पवार अगर एनसीपी छोड़कर बीजेपी या शिवसेना में शामिल होते हैं तो उनका स्वागत किया जाएगा, लेकिन अगर वे केवल पार्टी तोड़कर और कुछ विधायकों को साथ लेकर आते हैं और सरकार में शामिल होते हैं तो फिर शिवसेना सरकार से बाहर हो जाएगी।
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अजित पवार को एनसीपी में खुली छूट नहीं है। इसलिए, अगर वह एनसीपी छोड़ते हैं, तो हम उनका स्वागत करेंगे। अगर वह एनसीपी के एक समूह के साथ आते हैं, तो हम सरकार में नहीं होंगे।
संजय शिरसाट, प्रवक्ता, शिवसेना (शिंदे खेमा)
बहरहाल, अब अजित पवार ने दावा किया है कि पूरी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी गठबंधन सरकार में शामिल हो गई है। उन्होंने कहा, 'एनसीपी पार्टी सरकार में शामिल हो गई है। हम चुनाव लड़ने के लिए पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करेंगे।'
शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के साथ गठबंधन करने का आरोप लगाते हुए शिवसेना को विभाजित कर दिया था। लेकिन इसी शिंदे ने कहा, 'अब डबल इंजन की सरकार के पास ट्रिपल इंजन की सरकार है। राज्य तेजी से दौड़ेगा। अब हमारे पास एक मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री हैं। इससे राज्य का तेजी से विकास होगा।'
बता दें कि ताज़ा घटनाक्रम तब आया है जब हाल में शिंदे और फडणवीस के बीच सबकुछ ठीक नहीं था। समाचार पत्रों में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के एक पूरे पेज के विज्ञापन से गठबंधन में रार की ख़बरें आई थीं। शिंदे शिवसेना ने राज्य के सभी अख़बारों में एक विज्ञापन देकर कहा था कि 'राष्ट्र में मोदी और महाराष्ट्र में शिंदे'। उस विज्ञापन में दावा किया गया था कि राज्य में एक सर्वे कराया गया जिसमें सामने आया है कि भाजपा को 30.2 प्रतिशत लोग और शिंदे शिवसेना को 16.2 प्रतिशत यानी कुल मिलाकर इस गठबंधन सरकार को 46.4 फीसदी लोग पसंद करते हैं। विज्ञापन में आगे कहा गया था कि मुख्यमंत्री के तौर पर एकनाथ शिंदे को 26.1 प्रतिशत और फडणवीस को 23 प्रतिशत लोग पसंद करते हैं यानी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शिंदे अब फडणवीस से आगे हैं जबकि बीजेपी मानती है कि फडणवीस ही उनके नेता हैं और वही मुख्यमंत्री का चेहरा हैं।
हालाँकि इस विज्ञापन के आने के अगले ही दिन डैमेज कंट्रोल की कोशिशें शुरू हो गई थीं। शिंदे सेना ने दूसरे दिन एक और विज्ञापन जारी किया था जिसमें दोनों नेताओं का ज़िक्र था। बुधवार को कुछ मराठी अख़बारों में छपे इस विज्ञापन में शिंदे और फडणवीस को महाराष्ट्र में विकास के चेहरे के रूप में दिखाया गया। एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए इसने कहा है कि महाराष्ट्र में 49.3 प्रतिशत मतदाता भाजपा-शिवसेना गठबंधन को पसंद करते हैं।
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