क्या महाराष्ट्र में फिर वैसा कभी हो सकता है कि सुबह-सुबह नींद खुले और पता चले कि अनपेक्षित रूप से मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के रूप में किसी और ने शपथ ले ली है? जैसा कि पाँच साल पहले देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने किया था? पाँच साल पहले कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी गठबंधन सरकार बनना क़रीब-क़रीब तय हो चुका था, लेकिन सुबह ही अचानक किए गए समारोह में भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली थी। हालाँकि, तब क़रीब 78 घंटों में ही उनको इस्तीफा दे देना पड़ा था। पाँच साल पहले हुए उस घटनाक्रम की आज यानी बुधवार को शिंदे ने तंज में ही याद दिला दी।
दरअसल, महायुति में मुख्यमंत्री पद को लेकर पिछले क़रीब 10 दिन से बनी ऊहापोह की स्थिति के बीच जब एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे तो शिंदे ने ही उस घटना की याद दिला दी। जब उनसे एक पत्रकार ने सवाल पूछा कि क्या शिंदे और अजित पवार गुरुवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे तो शिंदे कहने लगे कि थोड़ा रुकिए। इस बीच अजित पवार ने तंज कसा कि 'इनका (शिंदे) का तो पता नहीं मैं तो (शपथ) ले रहा हूँ'। इस पर शिंदे ने पलटकर जबर्दस्त तंज कसा और कहा, 'दादा को अनुभव है शपथ शाम को भी लेने का और सुबह भी लेने का।'
Devendra Fadnavis wanted Ajit Pawar in jail, told him that he would arrest him and make him grind Chakki in Jail.
— Roshan Rai (@RoshanKrRaii) December 4, 2024
Eknath Shinde broke the party, took MLAs to the resort and made them rich.
Ajit Pawar betrayed Sharad Pawar, broke the party and became the Deputy CM.
They are… pic.twitter.com/d7xRBCWC73
शिंदे जिस घटना को लेकर ज़िक्र कर रहे थे उसमें अजित पवार ने पाँच साल पहले एनसीपी में बगावत कर दी थी। अचानक किए गए समारोह में भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और खुद ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली थी।
पाँच साल पहले अजित की वह बगावत क़रीब तीन दिन ही चल पाई थी। तब शरद पवार ने उनका समर्थन नहीं करने का फैसला किया था। इसके बाद अजित पवार के साथ गए अधिकांश विधायक शरद पवार के साथ वापस आ गए थे। कुछ दिनों बाद अविभाजित एनसीपी और शिवसेना ने कांग्रेस के साथ मिलकर महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी यानी एमवीए सरकार बनाई थी।
महायुति सरकार में मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर पिछले क़रीब 10 दिनों से सियासी उठापटक चल रही थी। मंगलवार को थोड़ी स्थिति साफ़ तब हुई जब फडणवीस ने शिंदे से बात की और कहा जाने लगा कि फडणवीस ही अगले सीएम होंगे।
इसी को लेकर बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। इसमें देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा की कि वह गुरुवार शाम 5.30 बजे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। इससे कई दिनों से चल रही अटकलों पर विराम लग गया। इस दौरान सहयोगी दलों के बीच कुछ नोकझोंक भी हुई, जिसमें शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने एनसीपी अध्यक्ष अजित पवार पर कटाक्ष किया।
शिंदे देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में उपमुख्यमंत्री का पद ग्रहण करेंगे या नहीं, इस पर शिंदे ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि वह लोगों को बाद में बताएंगे। उन्होंने कहा कि थोड़ा लोगों को इंतज़ार करना चाहिए।
बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिंदे ने मंगलवार को उनसे मुलाकात करने और सरकार का हिस्सा बनने के लिए कहने के लिए फडणवीस को धन्यवाद दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह अपने इरादे बाद में साफ़ करेंगे, क्योंकि शपथ ग्रहण समारोह में अभी कुछ समय है। तो सवाल है कि आख़िर उनका इरादा क्या है और क्या वह आख़िर समय में बदल भी सकता है, जैसा पाँच साल पहले हो गया था?
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