सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में आरोपी अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को दोहरा झटका लगा है। पहले सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली थी और अब ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने सुशांत सिंह की मौत से जुड़े संदेहास्पद मनी लाउंड्रिंग मामले में रिया को नोटिस भेजा है। इस मामले की जाँच के सिलसिले में रिया को अब शुक्रवार को ईडी से सामने पेश होना होगा।
सुशांत सिंह राजपूत 14 जून को मुंबई के बांद्रा में अपने अपार्टमेंट में मृत पाए गए थे। पुलिस के अनुसार, 34 वर्षीय सुशांत ने आत्महत्या कर ली थी। उनकी मौत के मामले में उनके पिता केके सिंह ने रिया चक्रवर्ती के ख़िलाफ़ आत्महत्या के लिए उकसाने और आर्थिक धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए पटना में एफ़आईआर दर्ज कराई है। उनके पिता ने यह भी आरोप लगाया है कि उनके बेटे के बैंक खाते से रिया चक्रवर्ती ने 15 करोड़ रुपये अवैध तरीक़े से अपने खाते में ट्रांसफ़र करा लिए और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।
रुपये के लेनदेन की तथाकथित गड़बड़ी के इस एफ़आईआर के पटना में दर्ज होने के बाद ईडी ने इस मामले को संज्ञान में लिया। रिपोर्टों में कहा गया है कि इसके बाद एजेंसी ने पिछले हफ़्ते ही रिपोर्ट दर्ज की है और रिया को शुक्रवार सुबह साढ़े ग्यारह बजे मुंबई कार्यालय में उपस्थित होने के लिए नोटिस भेजा है। बता दें कि ईडी देश में वित्तीय लेनदेन पर नज़र रखता है और गड़बड़ी की आशंका पर मामले की जाँच कर सकता है।
बता दें कि एक झटका सुप्रीम कोर्ट से रिया को तब लगा जब उनकी याचिका पर सुनवाई के दौरान उनको राहत नहीं मिली। रिया चक्रवर्ती ने इस मामले में बिहार पुलिस के अधिकार क्षेत्र को चुनौती देते हुए कहा है कि कथित अपराध मुंबई में हुआ था।
यह कहते हुए कि याचिकाकर्ता रिया चक्रवर्ती के ख़िलाफ़ गंभीर आरोप लगाए गए हैं, अदालत ने एफ़आईआर को पटना से मुंबई ट्रांसफ़र करने और बिहार पुलिस की जाँच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
कोर्ट ने तीन दिन का समय दिया है जिसमें सभी पक्षों को अपना जवाब दाखिल करना होगा और मुंबई पुलिस को जाँच की ताज़ा रिपोर्ट देनी होगी।
बता दें कि इस सुनवाई के दौरान ही केंद्र सरकार ने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में बिहार सरकार की सीबीआई जाँच की माँग स्वीकार कर ली गई है। केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दी।
कोर्ट ने बिहार पुलिस के अधिकारी को मुंबई में क्वारंटीन में भेजने को लेकर भी सवाल खड़े किए। कोर्ट ने कहा, 'मुम्बई पुलिस की अच्छी पेशेवर प्रतिष्ठा होने के बावजूद बिहार पुलिस के अधिकारी को क्वारंटीन में रखने से अच्छा संदेश नहीं गया है।'
पिछले कई दिनों से सुशांत की मौत के मामले ने सियासी तूफ़ान खड़ा कर दिया है। बिहार में जल्द ही चुनाव होने वाले हैं इसलिए यह मुद्दा राजनीतिक गहमागहमी का विषय बन गया है। महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार और बिहार की नीतीश सरकार आमने-सामने आ गई हैं। बीजेपी और जदयू गठबंधन की नीतीश सरकार चाहती है कि वह अपने तरीक़े से इसकी जाँच कराए लेकिन उद्धव ठाकरे की सरकार इसे महाराष्ट्र की पुलिस से जाँच कराना चाहती है।
इस मामले में जब बिहार पुलिस की टीम जाँच करने के लिए मुंबई पहुँची तो उस पर भी विवाद हुआ और आरोप लगाया गया कि महाराष्ट्र सरकार बिहार पुलिस की जाँच में अड़ंगा लगा रही है। जाँच करने बिहार से मुंबई पहुँचे आईपीएस अफ़सर विनय तिवारी को रविवार को क्वारंटीन कर दिया गया था। तिवारी को 15 अगस्त तक के लिए क्वारंटीन किया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस पर नाराज हुए थे।
इसी बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि सुशांत के परिवार वालों की माँग पर उन्होंने सीबीआई जाँच की सिफ़ारिश कर दी है।
अपनी राय बतायें