आर्किटेक्ट अन्वय नाइक और उनकी मां की आत्महत्या के मामले में गिरफ़्तार पत्रकार अर्णब गोस्वामी के समर्थन में जिस तरह बीजेपी उतरी थी, उससे इन दोनों का रिश्ता साफ हो गया था। लेकिन यह साफ नहीं हुआ था कि अर्णब के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वालों के वहां केंद्रीय एजेंसियां छापेमारी करने पहुंच जाएंगी।