वैक्सीन आई तो सबसे पहले किसको मिलेगी? यह सवाल हर कोई के दिमाग़ में होगा। यह इसलिए कि कोरोना के ख़िलाफ़ एकमात्र उम्मीद वैक्सीन है। अभी तक कोई भी वैक्सीन लोगों के लिए उपलब्ध नहीं है। 130 करोड़ भारत की जनसंख्या है। जब वैक्सीन आएगी तो एकाएक तो इतनी वैक्सीन बन नहीं सकती। फिर यह यह कैसे तय होगा कि पहले किसको दिया जाए और बाद में किसे? वैक्सीन देने की प्रक्रिया क्या अपनायी जाएगी? कहीं ऐसा तो नहीं कि जिनकी ज़्यादा पहुँच होगी वह पहले टीका पा लेगा? जो कमज़ोर होंगे उनका क्या?
ये सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं कि अब कोरोना वैक्सीन के जल्द ही आने की उम्मीद काफ़ी ज़्यादा हो गई है। कम से कम पाँच वैक्सीन के जल्द ही उपलब्ध होने की संभावना है। चार कंपनियों की वैक्सीन के आख़िरी चरण के ट्रायल की रिपोर्ट भी आ गई है।
एक तो देश में विकसित कोवैक्सीन को भी आपात मंजूरी मिलने की आस है। दो ऐसी वैक्सीन हैं जिनके बारे में कहा जा रहा है कि ये भारत में फ़रवरी तक उपलब्ध हो जाएँगी। एक तो ऑक्सफ़ोर्ड वैक्सीन है और दूसरी, कोवैक्सीन।
कोरोना वैक्सीन के जल्द आने की उम्मीदों के बीच कोरोना वैक्सीन की नीति को लेकर सरकार से सवाल भी पूछा जाने लगा है। राहुल गांधी ने सोमवार को चार सवाल पूछे थे-
- 1. भारत सरकार सभी कोरोना वैक्सीन उम्मीदवारों में से किसका चयन करेगी और क्यों?
- 2. पहले टीका किसे मिलेगा और वितरण रणनीति क्या होगी?
- 3. क्या मुफ्त टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए PMCares फंड का उपयोग किया जाएगा?
- 4. सभी भारतीयों को कब टीका लगाया जाएगा?
The PM must tell the nation:
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 23, 2020
1. Of all the Covid vaccine candidates, which will GOI choose & why?
2. Who will get the vaccine first & what will be the distribution strategy?
3. Will PMCares fund be used to ensure free vaccination?
4. By when will all Indians be vaccinated?
इन सवालों के जवाब में सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सूत्रों के हवाले से आई ख़बर बताया गया है कि किसको पहले टीका लगाया जाएगा। 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार सरकारी सूत्र ने कहा कि एक करोड़ फ़्रंटलाइन स्वास्थ्य कर्मियों की पहचान की गई है जिनको सबसे पहले उपलब्ध होने वाली कोरोना वैक्सीन दी जाएगी।
टीका से जुड़े विशेषज्ञ समूह के सूत्र ने कहा कि उन्होंने प्राथमिक तौर पर किसे टीका लगाया जाएगा उसका एक डेटाबेस बनाया जा रहा है और यह आख़िरी चरण में है।
सूत्र ने कहा कि जैसे ही भारतीय नियामक से हरी झंडी मिलेगी सबसे पहले "फ्रंटलाइन हेल्थकेयर वर्कर्स" का टीकाकरण किया जाएगा।
भारत में टीकाकरण के लिए तैयारी चल रही है। रिपोर्ट के अनुसार कि केंद्र को जुलाई 2021 तक 40-50 करोड़ वैक्सीन डोज मिलने की उम्मीद है यानी क़रीब 20-25 करोड़ लोग कवर किए जा सकते हैं।
बता दें कि ऑक्सफ़ोर्ड, मॉडर्ना, फाईजर और स्पुतनिक की वैक्सीन के आख़िरी चरण की रिपोर्ट भी आ गई है। ऑक्सफ़ोर्ड की वैक्सीन औसत रूप से 70 प्रतिशत प्रभावी रही है। मॉडर्ना के आख़िरी चरण के ट्रायल के बाद शुरुआती रिपोर्ट में कहा गया है कि यह 94.5 फ़ीसदी प्रभावी है वहीं फाईजर ने कहा है कि इसकी वैक्सीन 95 फ़ीसदी प्रभावी है। स्पुतनिक के भी 92 फ़ीसदी प्रभावी होने की बात कही गई है।
देश में विकसित कोवैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के ट्रायल की रिपोर्ट प्रकाशित की जानी है और तीसरे चरण का ट्रायल जारी है।
ऑक्सफ़ोर्ड वैक्सीन से क़रार करने वाली भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ने पहले ही कह दिया है कि क़रीब 1000 रुपये में वैक्सीन की दो डोज दी जाएगी। दो डोज ही कोरोना को रोकने के लिए ज़रूरी होगी। रिपोर्टों में कहा गया है कि सरकार ने टीके की क़ीमतें बढ़िया तय की हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने क़रीब आधे दाम पर 500-600 रुपये में दो डोज की वैक्सीन का सौदा तय किया है।
यह ऐसे समय पर ख़बर आ रही है जब भारत में कोरोना संक्रमण काफ़ी तेज़ी से बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने आज ही आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की है। कई राज्यों में संक्रमण के मामले बढ़ने लगे हैं, इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने कई राज्यों में उच्चस्तरीय टीमें भेजी हैं। पहले राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और छत्तीसगढ़ में ये टीमें भेजी गई थीं और फिर उत्तर प्रदेश, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में भी भेजी गई हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने तो चेताया है कि यदि राज्य तैयार नहीं होंगे तो दिसंबर में बहुत ख़राब हालत होगी। कोर्ट ने तो उन 4 राज्यों से दो दिनों में स्टेटस रिपोर्ट भी तलब की है जहाँ कोरोना संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। साथ ही सभी राज्यों से पूरी तैयारी रखने को कहा गया है।
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