कुमार केतकर कांग्रेस सांसद हैं, जाने माने पत्रकार हैं। वह क्यों कहते हैं कि अर्णब की पत्रकारिता घटिया है, प्रोपगंडा चलाते हैं, उसकी गिरफ़्तारी जायज है। प्रताप सरनाईक के यहाँ छापा क्यों? देखिए, आशुतोष की बात।
अर्णब के पक्ष में गृह मंत्री से लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तक के बयान आए और कई राज्यों में बीजेपी और हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता सड़क पर उतरे तो कंगना को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जेड सिक्योरिटी की सुरक्षा दी।
यह राजनीति-पत्रकारिता के नापाक गठजोड़ का बेहद घटिया नमूना है, जिसमें एक पत्रकार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने पर देश की प्रतिष्ठित एजेंसी विरोधी दल के विधायक के वहां छापा मारने पहुंच जाएं।