कुमार केतकर कांग्रेस सांसद हैं, जाने माने पत्रकार हैं। वह क्यों कहते हैं कि अर्णब की पत्रकारिता घटिया है, प्रोपगंडा चलाते हैं, उसकी गिरफ़्तारी जायज है। प्रताप सरनाईक के यहाँ छापा क्यों? देखिए, आशुतोष की बात।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।