loader

बीजेपी को उल्टा पड़ेगा वधावन परिवार को लॉकडाउन में अनुमति देने का मुद्दा उठाना?

लॉकडाउन के बीच डीएचएफ़एल कंपनी के प्रमोटर वधावन परिवार को महाराष्ट्र के महाबलेश्वर स्थित अपने फ़ॉर्महाउस पर जाने की अनुमति देने का मुद्दा उठाना क्या बीजेपी के लिए उलटा पड़ रहा है? क्योंकि इस मुद्दे पर राजनीति गरमाने लगी है। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने यह मुद्दा उठाकर राज्य सरकार को घेरने की कोशिश की थी लेकिन कांग्रेस ने इस मामले में जो आरोप लगाए हैं, वे चौंकाने वाले हैं। 

कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा है कि गृह विभाग के विशेष प्रधान सचिव अमिताभ गुप्ता को लेकर राज्य सरकार ने अपने अधिकार क्षेत्र के तहत कार्रवाई कर दी है और अब बारी केंद्र सरकार की है। उन्होंने कहा कि देखना यह है कि केंद्र सरकार इस मामले में क्या कार्रवाई करती है। 

सावंत ने कहा कि वधावन परिवार के बीजेपी नेताओं से घनिष्ठ संबंध हैं और इस बात का प्रमाण यह है कि पिछले तीन साल में इस परिवार द्वारा संचालित कंपनियों ने बीजेपी को 20 करोड़ रुपये का चंदा दिया है जबकि इनकी सभी कंपनियां घाटे में चल रही थीं।

उल्लेखनीय है कि वधावन परिवार का नाम गत वर्ष उस समय सुर्ख़ियों में आया था जब पंजाब एंड महाराष्ट्र (पीएमसी) बैंक वधावन परिवार की कंपनियों के द्वारा कर्ज नहीं लौटाने के कारण संकट में आ गया था। 

ताज़ा ख़बरें
पीएमसी बैंक घोटाले के बाद वधावन परिवार और बीजेपी नेताओं के संबंधों की ख़बरें सुर्खियां बनी थीं। दीवान हाउसिंग फ़ाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफ़एल), आर.के.डब्ल्यू डेवलपर्स, स्किल रियल्टर्स व दर्शन डेवलपर्स नामक वधावन परिवार की कंपनियों ने बीजेपी को चंदा दिया है। 

सावंत ने कहा कि बीजेपी की तरफ़ से चुनाव आयोग को इन कंपनियों के PAN की जानकारी तक नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि वधावन परिवार की प्रिविलेज हाईटेक कंपनी को विजय दुर्ग नामक बंदरगाह विकसित करने का काम दिया गया, जिसमें बीजेपी के सांसद आर.चंद्रशेखर की कंपनी की सहभागिता है। 

एनसीपी ने किया पलटवार 

सावंत के इन आरोपों के बाद बीजेपी नेताओं की तरफ़ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है। फडणवीस के बाद शुक्रवार को बीजेपी के पूर्व सांसद किरीट सौमैया ने वधावन परिवार को पास दिलाने के मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार पर आरोप लगाए थे। इसका जवाब देने के लिये प्रदेश के गृह निर्माण मंत्री और एनसीपी नेता जितेन्द्र आव्हाड भी सामने आये और उन्होंने कहा कि बीजेपी की राजनीति शरद पवार पर आरोप लगाए बिना नहीं चलती, इसलिए वे हर बात को उनसे जोड़ते हैं। 

महाराष्ट्र से और ख़बरें

आव्हाड ने कहा कि पूरे प्रकरण की जांच चल रही है और 15 दिन में रिपोर्ट माँगी गयी है। उन्होंने कहा कि पूरी सरकार इस समय कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ने में व्यस्त है और बीजेपी नेता इस समय भी राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।  

उल्लेखनीय है कि वधावन परिवार के 20 से ज़्यादा लोग लॉकडाउन के दौरान खंडाला से महाबलेश्वर स्थित अपने फ़ॉर्म हाउस पर घूमने गये थे। पुलिस ने सभी लोगों को हिरासत में ले लिया है। वधावन परिवार इक़बाल मिर्ची और यस बैंक मामले में भी अभियुक्त है। यस बैंक मामले में ईडी और सीबीआई केस भी दर्ज कर चुकी हैं।  

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
संजय राय
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

महाराष्ट्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें