शिवसेना और बीजेपी के बीच महाराष्ट्र में सीटों का बँटवारा तय हो गया है। दोनों दलों ने सोमवार को एक साझा प्रेस कॉन्फ़्रेंस में इसकी घोषणा भी कर दी कि आगामी आम चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगे। लेकिन इस घोषणा के साथ ही एक सवाल यह खड़ा हो गया है कि शिव सेना -बीजेपी के उन सहयोगी दलों का क्या होगा जो केंद्र और महाराष्ट्र में उनकी सरकार में सहयोगी हैं?
शिवसेना-बीजेपी ने सीटें बाँट लीं, अठावले की माँग से फँसा पेच
- महाराष्ट्र
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- 19 Feb, 2019

शिवसेना और बीजेपी के बीच महाराष्ट्र में सीटों का बँटवारा तय हो गया है। लेकिन एक सवाल भी खड़ा हो गया है कि शिव सेना -बीजेपी के उन सहयोगी दलों का क्या होगा जो केंद्र और महाराष्ट्र में उनकी सरकार में सहयोगी हैं?
इन सहयोगी दलों को साथ रखकर ही शिव सेना- बीजेपी ने पिछला लोकसभा चुनाव लड़ा था और मतों का विभाजन टालते हुए एक मज़बूत गठबंधन तैयार किया था। विधानसभा चुनावों में बीजेपी- शिव सेना गठबंधन भले ही टूट गया था लेकिन बीजेपी ने छोटे दलों को साथ रखकर चुनाव लड़ा था और उसे पहली बार प्रदेश में सबसे बड़ा दल और सरकार बनाने का अवसर मिला था। इन छोटे दलों में रिपब्लिकन पार्टी का रामदास अठावले ग्रुप, शिव संग्राम संगठन, राष्ट्रीय समाज पक्ष आदि शामिल हैं। इस गठबंधन की घोषणा के बाद ये दल अपने आप को ठगा-सा महसूस कर रहे हैं। अठावले वर्तमान में केंद्र सरकार में मंत्री हैं जबकि समाज पक्ष के नेता राज्य सरकार में मंत्री हैं और शिव संग्राम पक्ष के नेता को राज्य मंत्री का दर्जा हासिल है।
- गठबंधन की कवायद के दौरान इन दलों के नेताओं द्वारा भी सवाल उठाये जा रहे थे लेकिन जो घोषणा हुई उसमें उनकी भूमिका का कोई ज़िक्र नहीं है।