अमरावती में दवा की दुकान चलाने वाले एक शख्स की हत्या कर दी गई। इस शख्स का नाम उमेश प्रहलाद राव कोल्हे था और उनकी उम्र 54 साल थी। उनकी हत्या 21 जून को हुई है।
मामले की जांच कर रहे पुलिस अफसरों को शुरुआती जांच से ऐसा लगा है कि कोल्हे की हत्या बीजेपी नेता नूपुर शर्मा का समर्थन किए जाने के चलते हुई है। नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की थी। इस मामले में अब तक 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
हत्या की यह वारदात रात को 10 से 10:30 बजे के बीच उस वक्त हुई जब कोल्हे अपनी दुकान बंद कर स्कूटर से घर की ओर जा रहे थे। वह अमित मेडिकल स्टोर नाम की दुकान चलाते थे। उनके पीछे उनके बेटे संकेत कोल्हे और उसकी वाइफ वैष्णवी भी स्कूटर से आ रहे थे।
गिरफ्तार किए गए लोगों के नाम मुदसिर अहमद, शाहरुख पठान, अब्दुल तौफीक, शोएब खान और अतिब राशिद हैं जबकि एक शख्स फरार है।
बता दें कि उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल की हत्या के बाद से ही माहौल बेहद तनावपूर्ण है।
गर्दन में मारा चाकू
संकेत कोल्हे ने पुलिस में दर्ज कराई शिकायत में कहा है कि वे लोग प्रभात चौक से आगे बढ़े और जब महिला कॉलेज न्यू हाई स्कूल के गेट पर पहुंचे तो अचानक से 2 लोग एक मोटरसाइकिल पर उनके पिता के स्कूटर के सामने आ गए। स्कूटर को रोकने के बाद मोटरसाइकिल से उतरे एक शख्स ने उनके पिता की गर्दन की बाईं ओर चाकू मार दिया।
संकेत ने कहा है कि उनके पिता जमीन पर गिर गए। मैं मदद के लिए चिल्लाया। तभी हमलावरों के साथ का एक और शख्स आया और तीनों मौके से भाग निकले। पिता को अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
पुलिस ने हत्या में शामिल चाकू, अभियुक्तों के मोबाइल, वाहन, वारदात के दौरान पहने हुए कपड़े बरामद किए हैं और साथ ही कुछ सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला है। पुलिस अभियुक्तों और उनके परिवार के सदस्यों के बैंक खातों की भी जांच कर रही है।
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक अमरावती सिटी पुलिस के एक अफसर ने बताया कि गिरफ्तार किए गए 5 अभियुक्तों से पता चला है कि उन्होंने एक शख्स से मदद मांगी थी जिसने उन्हें भागने के लिए कार और 10000 रुपए की मदद मुहैया कराई थी।
सौंपी थी जिम्मेदारियां
इसके अलावा फरार चल रहे एक अभियुक्त ने हत्या से जुड़े पांच टास्क अभियुक्तों को सौंपे थे। इनमें से 2 अभियुक्तों को कोल्हे पर नजर रखने और उनके मेडिकल स्टोर से बाहर निकलते ही अन्य तीन अभियुक्तों को इस बारे में अलर्ट करने के लिए कहा गया था। जबकि तीन अन्य अभियुक्त वे थे, जिन्होंने कोल्हे को रोका और उन पर हमला किया।
शेयर की थी पोस्ट
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, जांच में यह पता चला है कि कोल्हे ने नूपुर शर्मा के समर्थन वाली एक सोशल मीडिया पोस्ट वॉट्सएप पर शेयर की थी। गलती से यह पोस्ट एक ऐसे वॉट्सएप ग्रुप में चली गई जिसमें मुसलिम समुदाय के भी कुछ लोग थे और वे लोग कोल्हे के ग्राहक भी थे।
गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में से एक ने कहा है कि इस पोस्ट को शेयर करना पैगंबर का अपमान था और इसलिए कोल्हे का मरना जरूरी था।
खुशमिजाज इंसान थे कोल्हे
यह पूछे जाने पर कि क्या कोल्हे की मौत सोशल मीडिया पोस्ट की वजह से हुई, संकेत ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उनके पिता बेहद खुशमिजाज किस्म के इंसान थे और उन्होंने कभी भी किसी से कुछ भी गलत नहीं कहा और ना ही वह किसी राजनीतिक दल से संबंधित थे।
संकेत ने कहा कि उन्होंने ऐसा सुना है कि उनके पिता की हत्या सोशल मीडिया पोस्ट की वजह से हुई है लेकिन मैंने उनका फेसबुक प्रोफाइल चेक किया तो उसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला।
संकेत ने कहा कि केवल पुलिस ही बता सकती है कि इसके पीछे क्या मकसद था। संकेत ने कहा कि एक बात तय है कि उनकी हत्या लूटपाट के इरादे से नहीं की गई है।
अमरावती सिटी पुलिस कमिश्नर आरपी सिंह ने अखबार से कहा कि गिरफ्तार किए गए सभी अभियुक्तों से पूछताछ की जा रही है और बाकी अभियुक्तों की गिरफ्तारी होने के बाद ही इस बारे में हालात साफ हो पाएंगे कि हत्या क्यों की गई।
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