केंद्र सरकार ने साफ़-साफ़ कह दिया है कि महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आ गई है। केंद्र सरकार ने इस मामले में चिट्ठी लिखकर राज्य सरकार को आगाह किया है। इसने कहा है कि राज्य सरकार कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने की रणनीति पर ध्यान केंद्रित करे। केंद्र की यह चिट्ठी उसकी टीम द्वारा राज्य में कोरोना के हालात का जायजा लिए जाने और उसकी रिपोर्ट के आधार पर भेजी गई है।
महाराष्ट्र में हाल के दिनों में संक्रमण के मामले काफ़ी ज़्यादा बढ़ गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को एक दिन में 15 हज़ार संक्रमण के मामले आए हैं। इससे एक दिन पहले ही 16 हज़ार से भी ज़्यादा केस आए थे। उससे भी पहले संक्रमण के मामले 15 हज़ार के आसपास रहे।
राज्य में जनवरी महीने में हर रोज़ 2 हज़ार से भी कम संक्रमण के मामले आने लगे थे। लेकिन संक्रमण के मामले कितनी तेज़ी से बढ़े हैं, इसका अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि नागपुर, यवतमाल, अकोला जैसे ज़िलों में लॉकडाउन लगाना पड़ा है। महाराष्ट्र ही देश में सबसे ज़्यादा संक्रमण से प्रभावित है।
राज्य के ऐसे हालात के बीच ही केंद्र सरकार की टीम ने पिछले हफ़्ते स्थिति का जायजा लिया था। अब केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है।
भूषण ने कहा है, 'महाराष्ट्र में कोरोना महामारी की दूसरी लहर की शुरुआत है। ट्रैक करने, जाँच करने, मामलों को आइसोलेट करने और संपर्क में लोगों को क्वारंटीन करने के लिए बेहद सीमित सक्रिय प्रयास किए गए। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लोगों के बीच कोरोना के नियमों का कोई पालन नहीं होता है।'
केंद्रीय टीम ने कहा है कि कोरोना को नियंत्रित करने के लिए अगस्त-सितंबर 2020 की तरह ही प्रशासनिक तैयारी की जानी चाहिए।
इस टीम ने यह भी रिपोर्ट की है कि पॉजिटिविटी रेट काफ़ी ज़्यादा थी- मुंबई में 5.1 फ़ीसदी से लेकर औरंगाबाद में 30 फ़ीसदी तक। पॉजिटिविटी रेट से मतलब है कि टेस्ट किए गए लोगों में कितने प्रतिशत संक्रमित पाए गए। मिसाल के तौर पर 100 लोगों के सैंपल लिए जाने पर यदि 5 लोगों में संक्रमण पाया गया तो पॉजिटिविटी रेट 5 फ़ीसदी हुई।
राज्य में कोरोना के हालात चिंताजनक हैं और कोरोना दिशा-निर्देशों की पालना को लेकर सवाल उठते रहे हैं। ख़ुद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कई बार लोगों को चेता चुके हैं।
उन्होंने शनिवार को राज्य में होटल और रेस्तरां को आदेश दिया कि वे अपने परिसर में कोरोना प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें और राज्य को लॉकडाउन जैसे कठोर उपायों को लागू करने के लिए मजबूर न करें।
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ठाकरे ने कहा, 'हमें एक सख्त लॉकडाउन के लिए मजबूर न करें। इसे अंतिम चेतावनी के रूप में मानें। सभी नियमों का पालन करें। सभी को यह समझना होगा कि आत्म-अनुशासन और प्रतिबंधों में अंतर है।'
मुख्यमंत्री की यह चेतावनी तब आई थी जब शनिवार को राज्य मे 15 हज़ार से ज़्यादा संक्रमण के मामले आए।
रविवार को एक दिन में संक्रमण के मामले 16 हज़ार से ज़्यादा हो गए और 50 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में अब तक 52 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 23 लाख से ज़्यादा संक्रमण के मामले आ चुके हैं।
बता दें कि महाराष्ट्र सहित कुछ अन्य राज्यों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 मार्च को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई है। मोदी इस दिन 12.30 बजे मुख्यमंत्रियों से वर्चुअली बातचीत करेंगे। इससे पहले मोदी ने जनवरी में कोरोना के टीकाकरण कार्यक्रम को लेकर मुख्यमंत्रियों से बात की थी।
गुजरात, मध्य प्रदेश के कई शहरों में कर्फ्यू
कोरोना के बढ़ने मामलों के बीच गुजरात और मध्य प्रदेश के कई शहरों में रात का कर्फ्यू लगाया गया है। गुजरात सरकार ने मंगलवार को घोषणा की है कि अहमदाबाद, वड़ोदरा, सूरत और राजकोट में रात के दस बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू रहेगा। यह नियम 17 मार्च से 31 मार्च के बीच लागू रहेगा। अहमदाबाद के मोटेरा में नरेंद्र मोदी स्टेडियम में भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जाने वाले अब तीन टी-20 मैच बिना दर्शकों की मौजूदगी के ही खेले जाएँगे।
इधर मध्य प्रदेश के भोपाल और इंदौर में 17 मार्च से अगले आदेश तक रात का कर्फ्यू लागू किया जाएगा। जबकि 8 शहरों- जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, रतलाम, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, बैतूल, खरगोन में बाज़ार 17 मार्च से रात 10 बजे बंद होंगे। इन शहरों में कर्फ्यू नहीं रहेगा।
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