क्या महाराष्ट्र में असली ‘ऑपरेशन लोटस’ अब शुरू होने वाला है? देश के ग़ैर भाजपाई राज्यों में विधायकों की खरीद-फरोख्त कर सरकारों को गिराने के खेल के लिए मीडिया और सोशल मीडिया में इस्तेमाल किये जाने वाले इस शब्द की जिस तरह से व्याख्या होती है, उसके हिसाब से तो महाराष्ट्र में ‘ऑपरेशन लोटस’ सफल हो गया और शिवसेना के विभाजन के परिणामस्वरूप प्रदेश की सत्ता की चाबी बीजेपी के हाथों में आ गयी। लेकिन क्या शिवसेना के इतिहास में विधायकों व सांसदों की सबसे बड़ी फूट के बाद भी शिवसेना एक चुनौती बनकर खड़ी है या रह सकती है? इस सवाल का जवाब तो केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मुंबई दौरे में उनके वक्तव्यों में खोजा जा सकता है।
तो क्या महाराष्ट्र में असली ऑपरेशन लोटस अब शुरू होगा?
- महाराष्ट्र
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- 6 Sep, 2022

अमित शाह ने बीजेपी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की बैठक में क्यों कहा कि शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने बीजेपी को धोखा दिया है और इसलिए सबक़ सिखाया जाना चाहिए? क्या बीजेपी को कड़ी चुनौती मिलने का डर है?
महाराष्ट्र में गणपति महोत्सव की धूम है और जनमानस अपने आराध्य देव की पूजा उपासना कर सुख समृद्धि की कामना कर रहा है। लेकिन सत्ता के उपासक अपने ही चक्रव्यूह बनाने में व्यस्त नजर आ रहे हैं। अमित शाह सपरिवार मुंबई में आये तो ‘लाल बाग़ के राजा’ का दर्शन करने थे लेकिन व्यस्त दिखे पार्टी नेताओं के साथ राजनीतिक रणनीति बनाने में। और इसी रणनीति के दौरान उन्होंने चुनौती दे डाली, उद्धव ठाकरे को जमीन दिखाने की। उन्होंने कहा कि 'राजनीति में धोखा’ नहीं चलेगा। इस यात्रा में शाह ने जिस तरह से ‘मुंबई मिशन’ की बात कही उससे स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि उन्होंने आने वाले मुंबई महानगरपालिका के चुनावों की कमान अपने हाथों में ले ली है और वे येनकेन प्रकारेण ठाकरे परिवार के इस सत्ता केंद्र पर कब्ज़ा करना चाहते हैं। यह बात बैठक के दौरान अमित शाह के बयानों में भी नजर आयी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अब समय आ गया है मुंबई पर भाजपा की सत्ता स्थापित करने का।