बाल ठाकरे ना तो मुख्यमंत्री थे और ना सांसद। कुछ भी नहीं। उन्होंने कभी चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन राजनीति ख़ूब की और अपनी शर्तों पर।  जिंदगी भर पॉलिटिक्स की और नेताओं को गालियां दीं। उनके निधन पर ‘21 तोपों की सलामी’ दी गई जो राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को मिलती है। बाल ठाकरे का जन्म 23 जनवरी 1927 को पुणे में हुआ था। मुंबई और महाराष्ट्र में मराठी मानुष के अधिकार और रोज़गार को लेकर उन्होंने शिवसेना बनाई जिसका मकसद था 80% सामाजिक कार्य और 20% राजनीति।