मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्य भाजपा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। विधानसभा चुनाव के ऐन पहले बीजेपी संगठन और शिवराज कैबिनेट के सदस्यों के बीच भारी खींचतान की ख़बरें तो हर दिन आ रही थीं, अब नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्री और मध्य प्रदेश के दमोह से पार्टी सांसद प्रहलाद पटेल द्वारा शिव ‘राज’ पुलिस के बायकॉट की सनसनीख़ेज़ खबर सामने आयी है।
पूरा मामला बेहद दिलचस्प है। अपने तल्ख़ और साफ़गोई अंदाज़ के लिए ख्यात प्रहलाद पटेल इस कदर रुष्ट हैं कि उन्होंने न केवल दमोह पुलिस से मिली सुरक्षा को लौटा दिया है, बल्कि एसपी को निशाने पर भी ले लिया है।
प्रहलाद पटेल नाराज़ क्यों?
दमोह पुलिस ने एक सेल्समैन की आत्महत्या के मामले में चार लोगों पर केस दर्ज किया है। जिन लोगों पर केस दर्ज हुआ है उनमें बीजेपी पार्षद यशपाल ठाकुर भी शामिल हैं। यशपाल ठाकुर, प्रहलाद पटेल के कट्टर समर्थक होने के साथ-साथ सांसद प्रतिनिधि भी हैं।
प्रहलाद पटेल का कहना है, ‘मृतक और उसके परिजनों से उनकी पूरी सहानुभूति है। पुलिस की निष्पक्ष कार्रवाई पर भी उन्हें एतराज़ नहीं है, लेकिन सुसाइड नोट की जांच किए बगैर मुकदमा दर्ज कर लिया जाना न्यायसंगत नहीं है।’
प्रहलाद पटेल यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा, ‘दमोह पुलिस को हैंडराइटिंग की जांच करने से पहले मामले में कोई कार्रवाई नहीं करनी चाहिए थी। मुझे लगता है कि यह फैसला जल्दबाजी में लिया गया है। मैं पुलिस अधीक्षक और इस कार्रवाई के सख्त खिलाफ हूं।’
केन्द्रीय मंत्री ने पुलिस की सुरक्षा लेने से इनकार करते हुए ऐलान किया, ‘मेरी निजी सुरक्षा के अलावा मेरी सुरक्षा के लिए दमोह पुलिस का कोई भी व्यक्ति मेरे आवास पर नहीं रहेगा।’
उधर, एसपी दमोह राकेश कुमार सिंह ने मीडिया द्वारा पूछे जाने पर कहा, ‘माननीय मंत्री ने क्या कहा है, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। बिना जानकारी के वे कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दे पायेंगे।’
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