आज़ाद हिंदुस्तान की सियासत में इससे बड़ा खुलासा शायद कभी नहीं हुआ होगा, जैसा बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने किया है। इस खुलासे के बाद यह माना जा सकता है कि ऑपरेशन लोटस के तहत पिछले कुछ सालों में गिराई गई कांग्रेस या विपक्ष शासित सरकारों के पीछे बीजेपी का ही हाथ है।
विजयवर्गीय राष्ट्रीय महासचिव होने के साथ ही इन दिनों ममता और मोदी के रण का मैदान बने बंगाल में बीजेपी के कमांडर भी हैं। मतलब यह कि वह बीजेपी के उन शीर्ष नेताओं में से हैं, जिन पर मोदी-शाह का भरोसा है।
विजयवर्गीय बुधवार को इंदौर में आयोजित बीजेपी के किसान सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान जो उन्होंने कहा, उसे पढ़िए और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, उसे सुनिए, आपको एक बार के लिए यक़ीन नहीं होगा कि आपने जो सुना है क्या वास्तव में उन्होंने ऐसा कहा है।
विजयवर्गीय ने कहा, ‘मैंने आज तक किसी को नहीं बताया, मैं पहली बार इस मंच से बता रहा हूं कि कमलनाथ जी की सरकार को गिराने में यदि महत्वपूर्ण भूमिका किसी की थी तो नरेंद्र मोदी जी की थी, धर्मेन्द्र प्रधान जी की नहीं थी।’ विजयवर्गीय की इस बात पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जमकर तालियां बजाईं।
मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री रहे विजयवर्गीय ने कार्यकर्ताओं से आगे कहा, ‘लेकिन ये बात किसी को बताना मत, मैंने आज तक किसी को नहीं बताई।’ विजयवर्गीय ने जब यह बात कही तो मंच पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी मौजूद थे।
कांग्रेस ने तुरंत इस पर रिएक्ट किया। मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने विजयवर्गीय के इस वीडियो को ट्वीट किया और कहा कि अब यह पूरी तरह साफ हो चुका है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही वह शख़्स हैं जो चुनी हुई सरकारों को असंवैधानिक ढंग से गिराते हैं।
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कांग्रेस की चुनी हुई संवैधानिक सरकारो को असंवैधानिक तरीक़े से गिराते है।
— Narendra Saluja (@NarendraSaluja) December 16, 2020
यह ख़ुद भाजपा के ही राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय कह रहे है।
एमपी की कमलनाथ सरकार को मोदी जी ने ही प्रमुख भूमिका निभा गिराया।
कांग्रेस के आरोपो की पुष्टि... pic.twitter.com/IRyR4ZDGPz
सिंधिया समर्थकों ने की थी बग़ावत
मार्च, 2020 में जब कमलनाथ की सरकार गिरी थी, तभी से कांग्रेस लगातार कह रही है कि उसकी सरकार को बीजेपी ने ही गिराया है। कांग्रेस के बड़े नेता रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक 22 विधायकों ने बग़ावत कर दी थी और कमलनाथ के लिए बहुमत साबित करना असंभव हो गया था। इसके बाद भी कई विधायक कांग्रेस को छोड़कर जाते रहे और राज्य में खाली सीटों की संख्या 28 हो गई थी।
हाल ही में इन सीटों पर उपचुनाव हुआ था, जिसमें बीजेपी को 19 और कांग्रेस को 9 सीट मिली थीं। सिंधिया और उनके समर्थकों की बग़ावत का बीजेपी को यह फ़ायदा हुआ कि जहां मध्य प्रदेश में वह सत्ता से बाहर हो गयी थी, अब वह फिर से वहां की सत्ता में है।
विजयवर्गीय के इस बड़े खुलासे के बाद यह पता चलता है कि वास्तव में बीजेपी विपक्ष शासित सरकारों को सत्ता में नहीं देखना चाहती और उनकी सरकारों को गिराने का काम कितने बड़े लेवल पर होता है।
शिवराज का क़ुबूलनामा?
इस साल जून में एक ऑडियो क्लिप वायरल हुई थी। जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कथित रूप से यह कहते हुए सुना जा सकता था कि कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार बीजेपी आलाकमान के आदेश पर गिराई गई थी।
ऑडियो क्लिप में शिवराज कथित रूप से कहते सुनाई दिए थे, ‘यह आलाकमान ही था, जिसने यह फ़ैसला लिया कि सरकार को गिराया जाना चाहिए, वरना यह सब बर्बाद कर देगी।’ आगे शिवराज ने कथित रूप से कहा था, ‘आप मुझे बताइए, क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया और तुलसी सिलावट के बिना सरकार को गिरा पाना संभव था। कोई और रास्ता नहीं था।’
दावा किया गया था कि शिवराज ने यह बात इंदौर के सांवेर विधानसभा क्षेत्र में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कही थी।
राजस्थान में भी हुई कोशिश
जुलाई में राजस्थान कांग्रेस में हुए घमासान के दौरान भी कांग्रेस ने दो ऑडियो टेप जारी किए थे और दावा किया था कि इन ऑडियो टेप में बातचीत के दौरान पैसे के लेन-देन को लेकर और गहलोत सरकार को गिराने की साज़िश रची जा रही है। इन ऑडियो टेप में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा और बीजेपी नेता संजय जैन के बीच बातचीत होने का दावा किया गया था।
कर्नाटक में गिराई सरकार!
इसी तरह नवंबर, 2019 में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की कथित रूप से आवाज़ वाली ऑडियो क्लिप वायरल हुई थी। इसमें कथित रूप से येदियुरप्पा को हुबली में पार्टी कार्यकर्ताओं से यह कहते हुए सुना जा सकता था, ‘आप सब इस बात को जानते हैं कि इन 17 विधायकों को ले जाने का फ़ैसला केवल मेरा नहीं था, राष्ट्रीय अध्यक्ष भी इस बारे में जानते थे।’ उस दौरान अमित शाह राष्ट्रीय थे। ये 17 विधायक कांग्रेस और जेडीएस के थे, जिनकी बग़ावत के बाद कुमारस्वामी सरकार गिर गई थी। ऑडियो क्लिप सामने आने के बाद कांग्रेस ने बीजेपी पर ऑपरेशन लोटस चलाने का आरोप लगाया था।
इसके अलावा भी विपक्ष शासित कई राज्यों में वहां के विधायकों को तोड़ने के लिए प्रलोभन देने की ख़बरें आना अब आम हो चुका है और ऐसे मामलों में बीजेपी पर आरोप लगना भी आम है।
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