प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मध्य प्रदेश यात्रा के चंद घंटे पहले करणी सेना द्वारा मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बोले गये ‘बड़े धावे’ ने शिवराज सरकार की नींद उड़ाकर रख दी है। मध्य प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर में 70 देशों के प्रवासी भारतीयों का तीन दिनों का समागम रविवार से आरंभ हुआ है। इस समागम में सोमवार दोपहर को पीएम नरेंद्र मोदी आ रहे हैं, जबकि मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आने वाली हैं। इस आयोजन के बाद 11 और 12 जनवरी को ग्लोबल इन्वेस्टर समिट भी इंदौर में आयोजित होनी है।
देश और दुनिया के सामने मध्य प्रदेश एवं भारत की ब्राडिंग से जुड़े जलसों की कड़ी की ‘पहली प्रस्तुति’ के आगाज़ के बीच रविवार को ही करणी सेना भोपाल में जुट गई। सेना ने स्थानीय प्रशासन से अनुमति लेकर भोपाल में डेरा डाला है।
राजधानी पुलिस और मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय के खुफिया तंत्र की सूचनाओं के विपरीत, भेल क्षेत्र में स्थित जंबूरी मैदान पर करणी सेना का सैलाब उमड़ पड़ा है।
आर्थिक आधार पर आरक्षण सहित 21 सूत्रीय मांगों को लेकर जुटी करणी सेना ने ताल ठोक दी है कि यह आयोजन दिल्ली के किसान आंदोलन को मात देगा। देश के अनेक हिस्सों की तरह मध्य प्रदेश भी ठंड से कंपकपा रहा है। बर्फीली हवाओं ने जीना मुहाल किया हुआ है। हाड़ कंपकपा देने वाली सर्दी की वजह से स्कूल बंद हैं। लेकिन करणी सेना भोपाल में ताल ठोककर डट गई है। रविवार सुबह धीमी रफ्तार के बाद दोपहर तक 70-75 हजार प्रदर्शनकारी जुट गए थे।
पांच राज्यों से भोपाल में जुटे करणी सेना के सैलाब को लेकर प्रदर्शन के रणनीतिकारों का दावा है कि ‘10 लाख से ज्यादा राजपूत भोपाल आ गए हैं। उधर पुलिस और प्रशासन दबी जुबान में स्वीकार रहा है, 60-70 हजार का जमघट है।’
प्रशासन दावा कर रहा है कि प्रदर्शनकारियों को मना लिया जायेगा।
करणी सेना का अंदाज ‘क्रांतिकारी’ होता है। सेना के पुराने ‘इतिहास’ ने ही अफसरों को हलाकान किया हुआ है। यहां बता दें, पूरी की पूरी सरकार, अधिकांश बड़े अफसर और बड़ी तादाद में फोर्स इंदौर में तैनात है।
शिवराज ने ली है ‘क्लास’
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इंदौर में कैम्प किए हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुर्मू के अलावा कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष एवं प्रमुख हस्तियां अगले 4-5 दिनों तक इंदौर में रहने वाले हैं। कई हस्तियां ज्योतिर्लिंग महाकाल और ओंकारेश्वर दर्शन के लिए भी जाने वाली हैं।
बताया जा रहा है, ‘सीएम चौहान ने प्रवासी भारतीयों के सम्मेलन में शिरकत करते हुए भोपाल में चल रहे करणी सेना के प्रदर्शन से जुड़ी जानकारियां कई बार ली हैं। बिना किसी हंगामे के सेना के आंदोलन को समाप्त कराने के निर्देश होने की सूचनाएं भी छनकर बाहर आ रही हैं।
बताया जा रहा है कि गृहमंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा भी भोपाल में करणी सेना के मूवमेंट के पल-पल का ब्यौरा ले रहे हैं।
भूख हड़ताल पर बैठे पदाधिकारी
रविवार को दिनभर के प्रदर्शन के बाद रात को भी आंदोलनकारी मैदान पर डटे रहे। आंदोलन के नेता जीवन सिंह शेरपुर ने मंच से कहा, ‘जिसे जाना हो वो खुशी से जा सकता है, लेकिन कहीं भी तोड़फोड़ और उदंडता नहीं होनी चाहिए। उन्होंने किसी भी तरह की हिंसा नहीं करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि आंदोलन लगातार जारी रहेगा।’
रात होने के बाद आंदोलनकारियों ने एक साथ मोबाइल की टार्च जलाकर एकजुटता का संदेश दिया।
…मैदान नहीं छोड़ेंगे
जीवन सिंह शेरपुर ने कहा, ‘हमने अपनी मांगें पूरी करने के लिए 4 बजे तक का समय दिया था। इस पर सरकार ने हमसे समय मांगा है। हमने उन्हें समय दिया है। समय देने के साथ ही हमने अपना अनशन शुरू कर दिया है। हम यहीं बैठेंगे। तब तक मैदान नहीं छोड़ेंगे, जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी।
प्रदर्शन में मध्य प्रदेश के अलावा हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ से भी करणी सेना के कार्यकर्ता पहुंचे हैं। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ता ‘माई के लाल’ और ‘जय भवानी’ के नारे लगाते नज़र आए।
आंदोलन की अगुवाई कर रहे जीवन सिंह शेरपुर का कहना है, ‘हमें आश्वासन नहीं, लिखित में आदेश चाहिए। ऐसा व्यक्ति हमसे मिलने आए जो कुछ लिखित में दे सके।’
उन्होंने कहा कि जो मंत्री मांगों को पूरा कर सकें, उन्हें लागू कर सकें वो आएं या मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को आना होगा। शेरपुर के मुताबिक हमारे लिए कोई फेवरेट नहीं है और न ही दुश्मन है। हमें आश्वासन नहीं, बल्कि काम चाहिए। ये भी बताएं कि हमारी मांगों को कैसे मानेंगे, कैसे लागू करेंगे, सभी 21 मांगों पर लिखित आदेश भी चाहिए।
जीवन सिंह शेरपुर ने कहा, ‘हमारी मांगें नहीं मानी तो राजनीति में उतरने से भी परहेज नहीं करेंगे। सवर्णों, पिछड़ा वर्ग का साथ भी हमें मिल रहा है। हम व्यवस्था में सुधार के लिए यह आंदोलन कर रहे हैं।’
शहर में कई जगह जाम
प्रदर्शन के लिए शनिवार रात से ही लोग भोपाल के जंबूरी मैदान पर जुटना शुरू हो गए थे। सुबह होते होते पूरा मैदान करणी सेना के कार्यकर्ताओं से भर गया। पुलिस ने जंबूरी मैदान की ओर जाने वाले रास्तों का ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया। भारी भीड़ से कई जगहों पर जाम की स्थिति बनी।
कमलनाथ ने बीजेपी सरकार को घेरा
करणी सेना के आंदोलन पर मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रदेश की बीजेपी सरकार को घेरा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है, ‘भोपाल के जंबूरी मैदान में देश-प्रदेश के हजारों युवा व्यवस्था में सुधार को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। भाजपा सरकार द्वारा कार्यक्रम की अनुमति को रद्द कराना, परिवहन व्यवस्था में बाधा डालना और फिर युवाओं के दबाब में पुनः अनुमति देना, पूरे आंदोलन को बाधित करने और लोकतांत्रिक प्रणाली में शिवराज सरकार के विश्वास न होने को दर्शाता है।
राशन, सिगड़ी-टेंट लेकर पहुंचे लोग
जंबूरी मैदान में करणी सेना को कार्यक्रम के लिए एक दिन की अनुमति दी गई है, लेकिन यहां पहुंचे ज्यादातर लोग दो से चार दिन का राशन लेकर आए हैं। इनके पास गैस सिलेंडर से लेकर सिगड़ी तक है। ट्रकों में जलाऊ लकड़ी है, जिसका उपयोग इन्होंने रात को अलाव जलाने में किया। कुछ लोगों ने अपने-अपने टेंट लगाए हैं। पुलिस ने भी इलाके के आसपास सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है।
आनंदपाल सिंह के भाई भी आए
प्रदर्शन में राजस्थान के गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के भाई भी पहुंचे हैं। वे राजस्थान से करीब 70 गाड़ियां लेकर आए हैं। आनंदपाल को साल 2017 में एनकाउंटर में मार गिराया गया था।
उधर, मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किए गए उत्तर प्रदेश के बाहुबली विधायकों में शुमार किए जाने वाले रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का भोपाल आने का कार्यक्रम कैंसिल हो गया। दावा किया गया है कि फ्लाइट मिस होने के कारण वे नहीं आ पाए।
करणी सेना की प्रमुख मांगें
- जाति के आधार पर आरक्षण बंद कर आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू किया जाए।
- एससी-एसटी एक्ट में बिना जांच के गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए।
- सामान्य पिछड़ा वर्ग एक्ट बनाया जाए, जो सामान्य और पिछड़ा वर्ग की एससी-एसटी के अत्याचार से रक्षा करे।
- भर्ती कानून बनाया जाए। व्यापमं के 1 लाख पदों और अन्य विभागों में भर्तियां अतिशीघ्र की जाएं। भर्ती नहीं होने पर बेरोजगारी भत्ता दिया जाए।
- एमपीपीएससी की 2019, 2020 एवं 2021 की भर्तियां संवैधानिक रूप से पूर्ण की जाएं।
- किसानों के हित में स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू किया जाए, ताकि किसानों को उपज का सही मूल्य मिल सके।
- खाद्यान्न (रोजमर्रा की चीजें) को जीएसटी से मुक्त किया जाए। बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाई जाए।
- क्षत्रिय महापुरुषों के इतिहास में छेड़छाड़ को तुरंत रोका जाए।
- गौमाता को राष्ट्र माता का दर्जा दिया जाए। गोबर और गौमूत्र को सरकारी स्तर पर खरीदने की व्यवस्था करें।
- पद्मावत फिल्म के विरोध में दर्ज प्रकरण वापस लिए जाएं।
- कर्मचारियों की पुरानी पेंशन फिर चालू की जाए।
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