मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में गरबा करने पहुँचे मुसलिम विद्यार्थियों पर 'लव जिहाद' का आरोप लगाये जाने और उन्हें जेल भेज दिये जाने पर हंगामा खड़ा हो गया है।
पुलिस की कार्रवाई के बाद सवाल उठ रहा है कि "गैर हिन्दू बच्चे अगर गरबा करते हैं तो उन्हें जेल में डाल दिया जाएगा? क्या मध्य प्रदेश में भारत का संविधान लागू नहीं है?"
मामला इंदौर के गांधी नगर थाना क्षेत्र का है। इस क्षेत्र के ऑक्सफ़ोर्ड कॉलेज में रविवार को गरबे का आयोजन किया गया था। गरबे में कॉलेज के विद्यार्थियों के साथ दूसरे इच्छुक लोगों को भी प्रवेश दिया गया था।
गरबे में उस समय हंगामा मच गया जब विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल का 'छापामार दस्ता' वहाँ पहुँचा। इस 'दस्ते' ने आपत्ति जताते हुए कार्यक्रम रुकवा दिया।
'लव जिहाद'
'छापामार दस्ते' का आरोप था कि उन्हें बिना अनुमति के गरबे के आयोजन की सूचना मिली है। गरबे की आड़ में 'लव जिहाद' को बढ़ावा दिया जा रहा है। दस्ते में शामिल लोगों ने कॉलेज संचालक पर भी कई तरह के आरोप लगाये। हंगामे की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुँची। आधी रात के बाद तक हंगामा चलता रहा।
पुलिस ने गरबा संचालक अंक्षाशु तिवारी के ख़िलाफ़ भारतीय दंड विधान की धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया। प्रथम दृष्टया यह पाया गया कि प्रशासन ने 900 लोगों की अनुमति दी थी, लेकिन इसके कई गुना अधिक संख्या में लोगों को प्रवेश दिया गया।
पुलिस ने गरबे में शामिल चार विद्यार्थियों हबीब, वाजिद, अदनान और अय्यूब के ख़िलाफ़ धारा 188 के साथ-साथ धारा 151 लगाई और थाने ले गई। चारों ने बताया वे ऑक्सफ़ोर्ड कॉलेज के बी.कॉम द्वितीय वर्ष के विद्यार्थी हैं।
जेल
विद्यार्थियों के परिजन भी थाने पहुँचे। उनका आरोप है कि पुलिस ने कोई दलील नहीं सुनी, चारों को पूरी रात थानें में बैठाये रखा गया।
पुलिस ने इन विद्यार्थियों को सोमवार दोपहर बाद एसडीएम पराग जैन के सामने पेश किया। एसडीएम ने चारों को जेल भेज दिया।
कांग्रेस का हमला
पूरा मामला सामने आने के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता डॉक्टर अमीनुल ख़ान सूरी सामने आये। उन्होंने इसका तीखा विरोध जताया और एक के बाद एक कई ट्वीट किये।
सूरी ने अपने एक ट्वीट में कहा,
“
हद हो गई है साहब! अब किसी शैक्षणिक संस्थान के कार्यक्रम में भी छात्रों के बीच हिन्दू-मुसलमान किया जा रहा है, गैर हिन्दू बच्चे अगर बरबा करते हैं तो जेल में डाल दिए जाएंगे?
अमीनुल ख़ान सूरी, प्रवक्ता, मध्य प्रदेश कांग्रेस
उन्होंने पूछा कि ठक्या मध्य प्रदेश में भारत का संविधान लागू नहीं है? डीजीपी एमपी! आपकी इंदौर पुलिस चाहती क्या है?"
अमीनुल खान सूरी ने अपने अन्य ट्वीट में एक समाचार पत्र की कतरन को टैग करते हुए सवाल उठाया और कहा, "माना यह सब सच है, तो कम से कम आप यह साहस तो जुटा लेते कि चार युवकों की क्या ग़लती थी, क्यों उन्हें हजारों लोगों में से चुनकर जेल भेजा गया, यह बता देते। क्या सिर्फ मुसलमान होने के कारण उनको गिरफ़्तार किया गया?"
बीजेपी : यौनाचार का अड्डा
दूसरी ओर, मध्य प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता उमेश शर्मा ने सत्य हिन्दी से कहा, "ऑक्सफ़ोर्ड कॉलेज यौनाचार का अड्डा बन चुका है। गरबे की आड़ में फूहड़ता हो रही है। योजनाबद्ध ढंग से लगभग पाँच सौ के लगभग मुसलिम युवकों को हिन्दू लड़कियों के साथ गरबे के नाम पर फूहड़ता कराये जाने की सूचना पर बजरंग दल और विहिप के कार्यकर्ता कॉलेज में पहुँचे थे। गरबा रुकवाया। मामला दर्ज करवाया गया और पुलिस ने कार्रवाई की।"
पाँच सौ मुसलिमों में चार पर ही मुकदमा क्यों हुआ? सवाल के जवाब में उमेश शर्मा ने कहा, "पूरे मामले की जाँच सीएसपी कर रहे हैं। जाँच में जो भी दोषी पाये जायेंगे, उनके ख़िलाफ़ भी मामला दर्ज होगा।"
चारों को ज़मानत
इंदौर एसडीएम पराग जैन की अदालत से मंगलवार को चारों विद्यार्थियों को ज़मानत मिल गई, जिन्हें सोमवार को जैन की ही कोर्ट ने प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए जेल भेजने का आदेश दिया था।
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