मध्य प्रदेश की व्यावसायिक नगरी इंदौर के लॉ कॉलेज में कथित धार्मिक कट्टरता और लाइब्रेरी में आपत्तिजनक किताब मामले में पुलिस ने कॉलेज के प्राचार्य और एक शिक्षक सहित चार लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कर ली है। ख़बर है कि कॉलेज के प्राचार्य ने इस्तीफा दे दिया है।
शुक्रवार शाम को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की अगुवाई में कुछ छात्रों ने एक किताब को लेकर हंगामा किया था। छात्रों का आरोप है कि इस किताब में हिन्दुओं के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं। किताब की प्रतियां कॉलेज की लाइब्रेरी में रखवाये जाने का भी आरोप है।
मामला सामने आने के बाद राज्य के गृहमंत्री और सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने इंदौर कमिश्नर को जांच सौंप दी थी। उन्होंने 24 घंटे में रिपोर्ट भी मांगी थी। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था।
गृहमंत्री के निर्देशों के बाद जांच हुई। जांच के बाद भंवरकुआं थाने ने किताब के प्रकाशक, लेखक, कॉलेज के प्रिंसिपल और एक शिक्षक पर केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने किताब पढ़कर कार्रवाई की बात कही।
उधर ख़बरों के अनुसार कॉलेज के प्रिंसिपल इनामुर्रहमान ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने विद्यार्थियों के आंदोलन का हवाला देते हुए आहत होकर इस्तीफा सौंपने की बात कही है।
बता दें कि एबीवीपी ने इस संबंध में पहले कॉलेज के प्रिंसिपल इनामुर्रहमान को ज्ञापन सौंपा था। सभी प्रोफेसरों को अस्थाई रूप से उनके काम से मुक्त कर दिया गया है। एबीवीपी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का छात्र संगठन है।
एबीवीपी के छात्रों ने ज्ञापन में प्रिंसिपल से पूछा था कि इस कॉलेज में एक ही विशेष धर्म के ज्यादा शिक्षक क्यों हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि इनमें से एक प्रोफेसर धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा दे रहे हैं। छात्रों ने आरोप लगाया था कि यह प्रोफेसर सरकारी कर्मचारी होने के बावजूद नई शिक्षा नीति के खिलाफ अभियान चला रहे थे।
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