महाराष्ट्र में चुनावी लड़ाई में जिस इमोशनल मुद्दे की कमी थी उसे अब संविधान का मुद्दा भरते हुए नज़र आ रहा है। भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे पर ख़तरों की खिलाड़ी बन रही है और वो कांग्रेस की पिच पर फंसती नज़र आ रही है।