अगर अर्थव्यवस्था और बेरोज़गारी के मसले पर वोट डाले गये तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी को बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। हो सकता है कि वह दुबारा प्रधानमंत्री न बनें। शायद यही कारण है कि मोदी 11 अप्रैल को होने वाले पहले चरण के चुनाव से ठीक पहले अपनी सरकार की उपलब्धियों की जगह राष्ट्रवाद, पुलवामा हमले के बाद हुई सर्जिकल स्ट्राइक और हिंदू-मुसलिम विवाद को मुद्दा बनाने की जी-तोड़ कोशिश कर रहे हैं।