सातवें दौर के चुनाव में पश्चिम बंगाल में ईश्वरचंद्र विद्यासागर मुख्य विषय बन गए हैं। बंगाल के नागरिकों के जीवन में उनका बहुत ही बुलंद मुक़ाम है। बीते मंगलवार को उत्तर कोलकाता संसदीय क्षेत्र में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो में बवाल हो गया था। रोड शो में सबसे पीछे चल रहे कुछ नौजवानों ने बिधान सरणी स्थित विद्यासागर कॉलेज के कैम्पस के अंदर से काले झंडे और प्लेकार्ड दिखा रहे लोगों पर हमला बोल दिया था। आरोप है कि ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कॉलेज के अंदर क़ब्ज़ा कर रखा था और वे अमित शाह के विरोध में उन्हें काले झंडे दिखा रहे थे। उन लोगों को सबक सिखाने के लिए हमलावरों ने कॉलेज के अन्दर स्थापित ईश्वरचंद्र विद्यासागर की मूर्ति को तोड़ दिया। ईश्वरचंद्र विद्यासागर की मूर्ति बंगाल में हर वह व्यक्ति पहचानता है जिसने शुरुआती शिक्षा इसी राज्य में पाई है।
अंतिम दौर में बंगाली अस्मिता ही है मुख्य चुनावी मुद्दा
- चुनाव 2019
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- शेष नारायण सिंह
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- 17 May, 2019
बंगाल में समाज के हर वर्ग की ओर से ईश्वरचंद्र विद्यासागर की मूर्ति तोड़ने की निंदा की गयी और ‘बंगाली राष्ट्रवाद’ को हवा देने के प्रोजेक्ट की कमान स्वयं ममता बनर्जी ने संभाल ली। ममता ने बंगाल की जनता के दिमाग में यह बात भरने की पूरी कोशिश की है कि मूर्ति तोड़ने का काम न केवल बीजेपी के कार्यकर्ताओं और कथित गुंडों ने किया बल्कि उनको ऊपर से ऐसा करने के आदेश भी मिले हुए थे।
